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इसके बाद परिजनों ने महिला का शव कोतवाली चौराहे पर रखकर चक्काजाम कर हंगामा किया और अस्पताल प्रबंधन व दोषी डाक्टरों पर सख्त कार्रवाई की मांग की। इस मामले में आयोग के अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार जैन ने कलेक्टर तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सीहोर से एक माह में प्रतिवेदन मांगा है।

गौरतलब है कि इससे पहले भी आष्टा नगर के पुष्प कल्याण केंद्र में एक प्रसूता महिला की मौत हो चुकी है। इस मामले में भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। आयोग के अनुसार मृतक महिला के पति राजकुमार प्रजापति ने बताया कि 22 जनवरी को वह अपनी पत्नी सावि़त्री बाई की बच्चेदानी के आपरेशन के लिए शहर के छावनी स्थित एक निजी अस्पताल सिटी केयर में गए थे।

उनकी पत्नी का आपरेशन शाम को हो गया था। अचानक उनकी पत्नी को तकलीफ हुई, तो उन्होंने यहां पर मौजूद स्टाफ से कहा, लेकिन स्टाफ ने कोई भी ध्यान नही दिया। रात भर उनकी पत्नी दर्द से तड़पती रही, लेकिन कोई भी सुनने को तैयार नहीं था। उन्होंने बताया कि अच्छे इलाज के गए थे, लेकिन यहां के डाक्टर बेहद लापरवाह साबित हुए।