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देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि चुनावी वर्ष को देखते हुए प्रदेश सरकार को जिला विकास प्राधिकरणों को खत्म करने का फैसला लेना पड़ा। बगैर सोचे-समझे फैसले का नतीजा है कि सरकार बैकफुट पर आने को मजबूर हुई।

प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में प्रीतम सिंह ने कहा कि पर्वतीय और ग्रामीण क्षेत्रों में जिला विकास प्राधिकरण बनाने के सरकार के फैसले का लोग विरोध कर रहे थे। कांग्रेस ने इसे दो-तीन मर्तबा विधानसभा में पुरजोर तरीके से उठाया। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश पर इस मामले में समिति का गठन किया गया।

अब समिति की सिफारिशों की आड़ लेकर मुख्यमंत्री ने प्राधिकरणों को खत्म करने की बात कही है। हालांकि, अभी तक सरकार ने आदेश जारी नहीं किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को उत्तराखंड को बोनस देना चाहिए। केंद्रीय बजट में इसके लिए प्रविधान किया जाना चाहिए। उत्तराखंड देश को पर्यावरणीय सेवाएं दे रहा है। पर्यावरण संरक्षण अकेले उत्तराखंड की जिम्मेदारी नहीं है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि किसान आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि 62 दिनों से शांतिप्रिय तरीके से आंदोलनरत किसानों को बदनाम करने की साजिश की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार चंद पूंजीपतियों के हाथों की कठपुतली बनी हुई है। इस वजह से कृषि कानूनों को रद नहीं करने पर अड़ी है। 26 जनवरी के घटनाक्रम को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।