हरियाणा सरकार ने उद्यमियों को रिझाने के लिए बड़ी सौगातें दी हैं। विवादों का समाधान योजना के तहत हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एचएसआईआईडीसी) के भूखंडों की बकाया राशि पर ब्याज और दंडस्वरूप ब्याज में बड़ी छूट दी गई है। दंडस्वरूप ब्याज तो 100 फीसदी माफ कर दिया है, जबकि ओवरडयू ब्याज पर 25 फीसदी छूट मिलेगी।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गुरुवार देर शाम औद्योगिक संघों, उद्यमियों और अन्य हितधारकों के साथ बैठक में इसकी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्लॉट की लागत और बढ़ी हुई लागत के एकमुश्त भुगतान के लिए योजना लाई जाएगी। इससे 2250 उद्योगपति लाभान्वित होंगे। योजना के तहत 31 मार्च 2021 तक की देनदारियों के लिए ओवरडयू ब्याज पर 25 प्रतिशत और दंडस्वरूप ब्याज पर 100 प्रतिशत माफी मिलेगी। बशर्ते, शेष पूरी राशि का भुगतान 30 जून 2021 तक एक बार में ही करना होगा। इससे 1500 करोड़ रुपये की बकाया राशि में से 225 करोड़ रुपये का लाभ होने की संभावना है।
मुख्यमंत्री ने पहली अप्रैल 2021 से एक्सटेंशन फीस स्ट्रक्चर को और अधिक तर्कसंगत व सरल बनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि तीन वर्ष की प्रारंभिक अवधि के बाद परियोजना के पूरा होने तक श्रेणी ए, बी और सी के प्लॉट के लिए निर्धारित एक्सटेंशन फीस का भुगतान करना होगा। इससे लाइसेंस को आगे तीन साल तक के लिए विस्तारित माना जाएगा। श्रेणी ए संपदा के लिए चौथे और पांचवें वर्ष की एक्सटेंशन फीस 50 रुपये प्रति वर्ग मीटर, श्रेणी बी संपदा के लिए 25 रुपये प्रति वर्ग मीटर और श्रेणी सी संपदा के लिए 10 रुपये प्रति वर्ग मीटर होगी।
अब यदि ओसी (आक्यूपेंसी सर्टिफिकेट) के आवेदन करने की तिथि से छह महीने के भीतर विभाग निरीक्षण कर लेता है तो उस तिथि तक ही फीस ली जाएगी। यदि विभाग छह महीने के बाद निरीक्षण करता है या नहीं करता है तो आवेदन करने की तिथि तक ही फीस ली जाएगी। यह प्रावधान तब लागू होगा जब आवेदक बकाया राशि का भुगतान कर देगा।
330 आवंटियों को होगा लाभ
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक्सटेंशन फीस के मद में 330 आवंटियों की करीब 636 करोड़ रुपये की राशि बकाया है। एचएसआईआईडीसी एक्सटेंशन फीस के मद में बकाया राशि का 50 प्रतिशत माफ करेगा। संशोधित मानदंडों के अनुसार 31 मार्च 2021 तक की एक्सटेंशन फीस जमा करने के बाद आवंटी आगे के एक्सटेंशन का हकदार होगा। मौजूदा अलॉटी के लिए जहां एक्सटेंशन छह साल से अधिक है, वहां आवंटी को पांच वें वर्ष के लिए एक्सटेंशन फीस पर परियोजना पूरा करने के लिए एक अतिरिक्त वर्ष का लाभ मिल सकता है। इसे नई एक्सटेंशन पॉलिसी के तहत कवर किया जाएगा।
छह वर्ष से अधिक की कोई भी एक्सटेंशन मान्य नहीं होगी
उद्योगपतियों को राहत देते हुए मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि छह वर्ष से अधिक की कोई भी एक्सटेंशन मान्य नहीं होगी। प्लॉट की अनिवार्य रूप से नीलामी की जाएगी। यदि आवंटी अपनी परियोजनाओं को पूरा करने में सक्षम नहीं हैं तो 6वें वर्ष के प्रारंभ से पहले आवंटी प्लॉट की बिक्री के लिए एचएसआईआईडीसी के माध्यम से नीलामी द्वारा आवेदन कर सकता है। एचएसआईआईडीसी प्लॉट की नीलामी करेगा और अपने शुल्क की कटौती के बाद बिक्री पर हुआ लाभ आवंटी के साथ समान रूप से बांटेगा। यदि प्लॉट नीलामी में नहीं बिकता तो एचएसआईआईडीसी की नीति के अनुसार प्लॉट रिज्यूम किया जाएगा।
बकाया राशि का भुगतान करने पर एमनेस्टी योजना का लाभ
मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि प्रतिष्ठित परियोजनाओं के मामले में यदि आवंटी एकमुश्त भुगतान योजना का लाभ उठाकर बकाया राशि का भुगतान करता है तो ऐसी प्रतिष्ठित परियोजनाओं को अगस्त 2019 की एचएसआईआईडीसी में घोषित पहली एमनेस्टी स्कीम का लाभ दिया जाएगा। इसके अलावा एग्जिट रूट का चुनाव करने के लिए प्रस्तावित तय पूंजीगत निवेश का कम से कम 25 प्रतिशत वाणिज्यिक उत्पादन शुरू किया हो। मुख्यमंत्री ने प्लॉट छोड़ने के लिए धन वापसी नियमों को युक्तिसंगत बनाने की भी घोषणा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह 25 मार्च 2021 से लागू किए गए आत्मसमर्पण आवेदनों पर लागू होगा।