कैथल/कलायत। कलायत क्षेत्र एक अनोखी शादी का साक्षी बना। गांव बालू के बेटे इंडियन स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन के जिला प्रधान दीप बालू ने नई वैवाहिक परंपरा की पहल की है। दूल्हा किसान परिवार से संबंध रखता हैं। इनका मकसद वैवाहिक और विभिन्न कार्यक्रमों में होने वाले खर्च पर अंकुश लगाना है। इस सोच को लेकर इन्होंने बिना खर्च विवाह रचाने का प्रस्ताव परिवार के समक्ष रखा।
इस पर परिवार के लोग सहमत हो गए। दुलहे दीप बालू ने वधू पक्ष की तरफ से दहेज के रूप में मिले 11 लाख रुपये, 15 तोले सोना व फर्नीचर का सामान की बजाय एक रुपये से कन्या पक्ष से नाता जोड़ा है। इस अवसर पर इनेलो के वरिष्ठ नेता अभय सिंह चौटाला ने नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद और शुभकामनाएं दीं।
कर्ज तले दब जाता है परिवार
अभय चौटाला ने कहा कि अकसर विवाहों में लग्जरी गाड़ी, कोठी-बंगले, आभूषण, महंगे वस्त्र और शाही ठाठ के खान-पान का प्रचलन देखा जाता है। बेटियों की पढ़ाई और सफलता की बजाय विवाह अवसर पर दहेज देने में रुचि कहीं ज्यादा दिखाई जाती है। विवाह अवसर पर बड़े पैमाने पर लेन-देन का सबसे बड़ा असर सामान्य परिवारों पर पड़ता है। उन्हें कम संसाधन होते हुए भी शाही ठाठ से विवाह रचना पड़ता है। इसके कारण पुत्रवधू परिवार कर्ज के बोझ तले दब जाता है। इस प्रकार की कुरीतियां रिश्तों के महत्व पर चोट पहुंचा रही है।
दहेज के कारण टूट रहे रिश्ते
दहेज जैसे बुराई के कारण रिश्ते टूट रहे हैं। इससे समाज का तानाबाना प्रभावित हो रहा है। ग्रामीणों ने बिना खर्च की वैवाहिक परंपरा का स्वागत किया है। इनका कहना है अकसर सामाजिक स्तर पर विवाह पर होने वाले अनाप-शनाप खर्च पर बल दिया जाता है। जिस प्रकार खुद से पहल करते हुए गांव बालू के बेटे ने अनूठा विवाह रचाया है वह प्रशंसा का पात्र है। दूसरे युवाओं को भी इस प्रकार की सोच का परिचय देने का आह्वान किया गया।