जयपुर । “इलेक्ट्रॉनिक तकनीक का स्वास्थ्य सेवाओं में उपयोग (डिजिटल हेल्थ) विज्ञान का महत्वपूर्ण योगदान है । डिजिटल हेल्थ स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता वृद्धि एवं लागत में कमी हेतु एक महत्वपूर्ण कदम है ।” उक्त उदगार राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने आई आई एच एम् आर विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित 25वीं वार्षिक वैश्विक संगोष्ठी ‘प्रदन्या 2021’ के उद्घाटन सम्बोधन में व्यक्त किये । यह संगोष्ठी इस वर्ष इस वर्ष 3-5 फरवरी 2021 के मध्य ऑनलाइन माध्यम से ‘डिजिटल हेल्थ, सस्टेनेबल डेवलपमेंट एंड वेल्बीइंग’ विषय पर आयोजित की जा रही है ।
डिजिटल हेल्थ के उपयोग एवं प्रभाव की चर्चा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि “डिजिटल हेल्थ के अनुप्रयोग से संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित समग्र विकास के लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है । इसी के दृष्टिगत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय डिजिटल हेल्थ मिशन के माध्यम से डिजिटल हेल्थ को विकसित एवं प्रभावी बनाने हेतु एक क्रन्तिकारी पहल की है ।” राज्यपाल ने जोर दिया की बिना स्वस्थ शारीरिक एवं मानसिक विकास को सुनिश्चित किये किसी भी प्रकार के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती । उन्होंने कहा कि पूरे विश्व को गुणवत्ता भरी एवं उचित दर पर शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध हो यही हम सभी का लक्ष्य होना चाहिए ।
समारोह के विशिष्ट अतिथि भारतीय विज्ञान संसथान, बेंगलुरु के पूर्व निदेशक पदम विभूषण प्रोफेसर जी पी पद्मनाभन ने जोर दिया की आज स्वास्थ्यसेवा को गति प्रदान करने के लिए तकनीक पर आधारित नवीन एवं नवाचार अनुप्रयोगों को विकसित करने की आवशयकता है । प्रोफेसर पद्मनाभन ने कहा की विकास का कोई भी लक्ष्य सिर्फ स्वस्थ समाज एवं स्वस्थ देश में ही प्राप्त किया जा सकता है । उद्भटान सत्र के मुख्यवक्ता पद्मश्री डॉ चंद्रकांत एस पाँडव, अखिल-भारतीय आयुर्विज्ञान संसथान के पूर्व विभागाध्यक्ष (सामुदायिक शिक्षा), ने डिजिटल तकनीक आधारित स्वस्थ्य सेवाओं के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करते हुए बताया कि किस प्रकार डिजिटल तकनीक समग्र विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में उपयोगी हो सकती है । आई आई एच एम् आर विश्वविद्यालय के अध्यक्ष एवं पब्लिक हेल्थ के विद्वान् डॉ एस डी गुप्ता ने अपने उद्बोधन में बताया कि किस प्रकार आधुनिक डिजिटल तकनीक पर आधारित सस्ती एवं गुणकारी स्वास्थ्य सेवाएं ज्यादा से ज्यादा लोगों तक सुलभ हो रही हैं । डॉ गुप्ता ने तकनीक आधारित स्वस्थ्य सेवाओं के भविष्य के ऊपर भी प्रकाश डाला ।
उद्घाटन सत्र के प्रारम्भ में आई आई एच एम् आर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ प्रहलाद राय सोडानी ने माननीय राज्यपाल एवं अन्य सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए इस संगोष्ठी के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला! संगोष्ठी के विषय पर विस्तार से विचार प्रस्तुत करते हुए डॉ सोडानी ने कहा की आने वाला दशक डिजिटल हेल्थ के विकास में अत्यंत ही महत्त्वपूर्ण होगा । डॉ सोडानी ने बताया कि डिजिटल हेल्थ एवं समग्र विकास की परस्पर निर्भरता के दृश्टिगत इस विश्वविद्यालय द्वारा एक सतत एवं सार्थक शैक्षणिक पहल की गयी है ।