बेंगलुरु। कर्नाटक परिवहन निगम कर्मचारी लीग (केएसआरटेल) की अनिश्चितकालीन हड़ताल आठवें दिन को राज्य परिवहन विभाग ने अनुमान लगाया कि 7 अप्रैल को हड़ताल शुरू होने के बाद से उसे 152 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हुआ है। चार राज्यों के स्वामित्व वाले परिवहन निगमों द्वारा जारी संयुक्त बयान के अनुसार, कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) को 70 करोड़ रुपये, बैंगलोर मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (बीएमटीसी) को 20 करोड़ रुपये, उत्तर पश्चिम कर्नाटक पथ परिवहन निगम (एनडब्ल्यूकेआरटीसी) को 30.5 करोड़ रुपये और पूर्वोत्तर कर्नाटक सड़क परिवहन निगम (एनईकेआरटीसी) को 31.5 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हुआ।
इसके अलावा चारों परिवहन निगमों ने दावा किया कि 7 से 13 अप्रैल तक बस हड़ताल के पहले छह दिनों के दौरान इन निगमों से संबंधित करीब 60 बसें खराब हो गईं।
इन परिवहन निगमों द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, केएसआरटीसी को 34 बसों को नुकसान के साथ सबसे अधिक नुकसान हुआ, इसमें से अधिकांश टूटी हुई विंडशील्ड, खिड़कियां और रियर विंडशील्ड से संबंधित हैं जबकि एनईकेआरटीसी ने 20 बसों को नुकसान की सूचना दी। बीएमटीसी और एनडब्ल्यूकेआरटीसी ने तीन-तीन बसों को नुकसान की सूचना दी है।
ये चारों निगम 1.37 लाख से अधिक कर्मचारियों की मदद से 26,000 बसों का बेड़ा चलाते हैं।
चार निगमों में शुमार बीएमटीसी को शहर के हर कोने और क्रैनी को अपनी 6000 बसों के बेड़े से जोड़ने वाली बेंगलुरु पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम की लाइफ लाइन माना जाता है।
कर्मचारियों और सरकार के बीच जारी गतिरोध ने प्रदेश में किसी और से ज्यादा यात्रियों को चोट पहुंचाई है।