चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने आरोप लगाया है कि पार्टी अध्यक्ष सुखबीर बादल पर मंगलवार को हमला किया गया। पार्टी ने यह भी दावा किया कि गोलीबारी में पार्टी के तीन कार्यकर्ता घायल हो गए। पार्टी का कहना है कि पुलिस समर्थित हमलावरों का नेतृत्व कांग्रेस विधायक के भाई ने किया। यह घटना फाजिल्का जिले के जलालाबाद शहर की है। पार्टी ने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति चरमरा गई है, इसलिए मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को इस्तीफे दे देना चाहिए।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरजीत सिंह ने मीडिया को बताया कि चार व्यक्ति घायल हो गए हैं, लेकिन उन्होंने उनकी पहचान और पार्टी का खुलासा करने से इनकार कर दिया।
उन्होंने कहा कि गोलियां चलाई गईं, लेकिन यह पता नहीं चल पाया है कि गोलीबारी किसने और किस पर की।
शिअद के प्रवक्ता दलजीत सिंह चीमा ने यहां एक बयान में कहा, “ऐसा लगता है कि शिअद अध्यक्ष पर जानलेवा हमला एक सुनियोजित प्रयास था और जलालाबाद पुलिस ने इस मामले में ढिलाई बरती, क्योंकि इसने हमलावरों को फरार होने की अनुमति दे दी।”
उन्होंने कहा, “पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की देखरेख में इस हमले की उच्च-स्तरीय न्यायिक जांच होनी चाहिए, क्योंकि ऐसा प्रतीत होता है कि इस जघन्य अपराध को सरकारी तंत्र का संरक्षण मिला हुआ है।”
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में लोकतंत्र की हत्या हो रही है। अपराधियों का बोलबाला हो गया है। मुख्यमंत्री ने अपने पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार खो दिया है।
शिअद नेता ने मुख्यमंत्री पर राज्य की शांति और सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार होने का आरोप लगाते हुए कहा, “उन्हें तुरंत अपना त्यागपत्र दे देना चाहिए।”
चीमा ने कहा कि आज की घटना राज्य में चल रहे जंगल कानून को प्रतिबिंबित करता है, जिसमें माफिया और कांग्रेसियों के नेतृत्व में अपराधियों ने सरकारी तंत्र पर कब्जा कर लिया है।
चीमा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री न केवल इन माफियाओं के सामने लाचार हैं, बल्कि उन्होंने राज्य की पुलिस को भी निर्देश दिया है कि वे उनके खिलाफ कार्रवाई न करें।
शिअद नेता ने कथित तौर पर कांग्रेस विधायक रामिंदर आवला के पुत्र के नेतृत्व में गुंडों द्वारा की गई गोलीबारी की भी निंदा की। उन्होंने कहा कि तीन अकाली कार्यकर्ताओं को गोली लगी है।
चीमा ने कहा कि अब यह स्पष्ट हो गया है कि इन परिस्थितियों में नगर निकायों के स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सकते।
उन्होंने कहा, “राज्य चुनाव आयोग भी भ्रष्ट कांग्रेसी तत्वों पर लगाम लगाने में पूरी तरह से विफल रहा है।”
शिअद ने राज्य में अर्धसैनिक बलों की तत्काल तैनाती की मांग की और कहा कि पंजाब पुलिस पर अब भरोसा नहीं किया जा सकता। इस मामले में कोताही बरतने वाले फिरोजपुर के एसएसपी और अन्य सभी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए।