बिलासपुर। कानन पेंडारी चिड़ियाघर की पार्किंग में किराए को लेकर पर्यटक व कर्मचारियों के बीच प्रतिदिन बहस होती है। दरअसल मोटरसाइकिल खड़ी करने के बाद जो रसीद दी जाती है वह पुरानी है। वह साइकिल की रसीद है। उसमें बकायदा दो रुपये लिखा हुआ है। इसी रसीद के ऊपर जू प्रबंधन ने 20 रुपये का सील लगा दिया है।
रसीद स्पष्ट नहीं होने से पर्यटक इस पर आपत्ति करते हैं। चूंकि गलती जू प्रबंधन की है। इसलिए हर एक पर्यटकों को समझाना पड़ता है। इसके बाद ही विवाद शांत होता है। लाकडाउन के बाद जब से जू खुला है। स्टैंड का संचालन जू प्रबंधन खुद कर रहा है। पहले इसे ठेका पर दिया गया था।
पर कमजोर ग्राहकी की वजह से ठेकेदार ने संचालन से हाथ खींच लिया। इधर जू खुलते ही पर्यटकों की उपस्थिति होने लगी। पार्किंग की स्थाई व्यवस्था नहीं होने के कारण पर्यटकों की गाड़ियों को नुकसान के साथ चोरी होने की आशंका भी थी। इस स्थिति में जू प्रबंधन ने खुद ही संचालन का निर्णय लिया। इस दौरान जू के दो से तीन कर्मचारियों को पार्किंग में तैनात कर दिया गया। पर पार्किंग के रसीद नहीं छपा था।
खासकर मोटरसाइकिल के लिए रसीद नहीं था। जबकि सर्वाधिक पर्यटक मोटरसाइकिल से जू घूमने के लिए पहंुचते हैं। नियमानुसार 20 रुपये यदि किराया है तो उसका रसीद होना चाहिए। तभी पर्यटक संतुष्ट होंगे। लेकिन जू प्रबंधन ने ऐसा नहीं किया और पुरानी रसीद निकाली और उसी में 20 रुपये का सील लगाकर कर्मचारियों को थमा दिया गया।
कर्मचारी भी इसे ही पर्यटकों को देकर मोटरसाइकिल रखने के एवज में शुल्क वसूल कर रहे हैं। रसीद में कांटछांट और अलग से सील होने के कारण पर्यटकों के मन में एक बार सवाल जरुर आता है कि कहीं कोई गड़बड़ी तो नहीं है।
इसके चलते ज्यादातर पर्यटक इसकी जांच करते हैं। उनका यह भी कहना रहता है कि इतने बड़े जू प्रबंधन के पास नई रसीद तक नहीं। पार्किंग का संचालन कर रहे हैं तो रसीद भी नया छपवाना चाहिए।