पटना । बिहार में दूसरे कैबिनेट विस्तार में विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को शामिल नहीं किया गया। इस वजह से पार्टी प्रमुख मुकेश साहनी खुश नहीं हैं और बुधवार शाम केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर सकते हैं। सूत्रों ने यह जानकारी दी। साहनी के करीबी सूत्रों ने कहा कि वीआईपी प्रमुख अपनी पार्टी के लिए कम से कम एक और मंत्री पद की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंत्रिमंडल में 10 और भाजपा विधायकों, जेडी-यू के 5, पूर्व बसपा नेता जामा खान और एक निर्दलीय को शामिल किया।
साहनी भी कथित तौर पर एक और मंत्री पद नहीं मिलने की स्थिति में अपने पोर्टफोलियो में ‘अपग्रेड’ की उम्मीद कर रहे थे। कहा जाता है कि साहनी की नजर लोक निर्माण विभाग पर थी। वर्तमान में उनके पास पशुपालन और मत्स्य पालन विभाग है।
साहनी 2020 का विधानसभा चुनाव हार गए थे, लेकिन हाल ही में विधान परिषद सदस्य के रूप में चुने गए हैं।
वीआईपी बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा है और एक और कार्यकाल के लिए नीतीश कुमार सरकार के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
विधानसभा चुनाव में, भाजपा ने 74 सीटों पर जीत हासिल की थी, जेडी-यू ने 43, हम ने 4 और वीआईपी ने भी 4 सीट हासिल की थी। पार्टी के पास बहुमत के लिए जरूरी 122 सीट से केवल तीन सीट ही ज्यादा है। अगर साहनी सरकार से बाहर जाने का फैसला करते हैं, तो एनडीए को मुश्किल हो सकती है।