हरिद्वार। अदालत ने तीन तलाक के खिलाफ आवाज उठाने वाली अतिया साबरी को 21 हजार रुपये महीना और दो बेटियों को सात-सात हजार रुपये गुजारा भत्ता देने के आदेश दिए हैं। हरिद्वार की लक्सर कोतवाली क्षेत्र के सुल्तानपुर निवासी अतिया साबरी को उसके पति वाजिद ने वर्ष 2016 में तीन तलाक देकर घर से निकाल दिया था।
अतिया साबरी ने हरिद्वार में नवंबर 2016 में इसके खिलाफ आवाज उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित कर दिया था। जिसके बाद केंद्र सरकार ने तीन तलाक के खिलाफ कानून भी बनाया। अतिया तभी से अपनी दोनों बच्चियों के साथ पिता के पास सहारनपुर उत्तर प्रदेश रहती आ रही हैं। अतिया ने अपनी दो बच्चियों और अपना गुजारा भत्ता के लिए सहारनपुर के परिवार न्यायालय में एक केस दायर किया था। सहारनपुर के जिला परिवार न्यायाधीश नरेंद्र कुमार ने सुनवाई करते हुए अतिया और उनकी दोनों बेटियों के गुजारा भत्ता के तौर पर 2015 से सात-सात हजार रुपये देने के आदेश दिए हैं। अतिया के परिवार ने इसे सच की जीत बताया है।