रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर कृतज्ञता प्रस्ताव में रंग, गंध और स्वाद पर जमकर तकरार हुई। विपक्ष ने सरकार के काम को लेकर सवाल किया तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक-एक आरोपों का जोश और तेवर के साथ जवाब दिया।
मुख्यमंत्री ने कोरोना संकट में सरकार के काम, पुलिस की चुस्ती, शराब के परिवहन को लेकर पक्ष रखा। धान को लेकर केंद्र सरकार के अडियल रुख और केंद्रीय कर में हिस्सेदारी को लेकर केंद्र सरकार को घेरने से भी पीछे नहीं हटे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में केंद्र ने जो राशि जारी की, वह कोई खैरात नहीं है। राज्य के हक को केंद्र सरकार ने दिया। अब भी 15 हजार करोड़ रुपये छत्तीसगढ़ का बकाया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह को हमारी सरकार रंगहीन, गंधहीन, स्वादहीन लगती है। यह लक्षण तो कोरोना का होता है। कहीं दोबारा तो नहीं हो गया। अब तो उनकी स्थिति आइसोलेशन में जाने की होने वाली है। उन्होंने हंसते हुए कहा-पालिटिकली आइसोलेशन। यहां वाले मानते नहीं, दिल्ली वाले पूछते नहीं। तीखे तेवर के साथ सीएम ने कहा कि इनको स्वाद नान घोटाले में आता था।
रंग खदानों में नजर आता था और गंध चिटफंड कंपनियों की समझ आती थी। कोरोना वैक्सीन को लेकर मुख्यमंत्री ने दमदारी से कहा कि छत्तीसगढ़ के लोगों को अगर केंद्र सरकार मुफ्त टीका नहीं देगी तो हमारे पास पैसा है। सरकार मुफ्त में टीका लगवाएगी। मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए भूपेश ने कहा कि क्या सिर्फ तीन करोड़ लोगों की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है, बाकी 130 करोड़ लोगों के लिए क्या प्लान है।
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की तारीफ करते हुए सीएम ने कहा कि कोरोना संकट में विभाग और मंत्री ने बेहतर काम किया। कोवैक्सीन नहीं लगाने के सवाल पर सीएम ने कहा कि देश के 11 राज्यों में सिर्फ एक फीसद लोगों ने वैक्सीन लगवाई। हमारे यहां महाराज साहब ने स्पष्ट बोल दिया तो बवाल हो रहा है।
सबसे ज्यादा पत्र लिखने वाले सीएम बघेल पत्रजीवी: कौशिक
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि सीएम बघेल को एक महारत हासिल है। भारत में सबसे ज्यादा पत्र लिखने वाले पत्रजीवी सीएम हैं। सरकार ने जन घोषणा पत्र को आत्मसात करने की बात कही थी, लेकिन इसे अब लागू नहीं किया जा रहा है। घोषणापत्र के क्रियान्वयन को लेकर सरकार के मंत्री अलग-अलग बात करते हैं। यह सरकार झूठ की बुनियाद पर खड़ी है। सरकार बनने से पहले कांग्रेस नेताओं ने कर्जमाफी की बात कही, बाद में मुकर गए। यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम की बात अब जनघोषणा पत्र बनाने वाले मंत्री सिंहदेव नहीं करते हैं। राज्यपाल के अभिभाषण को पढ़कर ऐसा लगता है कि यह केंद्र सरकार का अभिभाषण है। यह सरकार ऐसी है कि पहले सपने दिखाती है, फिर सत्ता में आने के बाद इसे चकनाचूर कर देती है।
इस तरह सीएम ने दिया जवाब
धान: नेता प्रतिपक्ष कह रहे हैं कि हमने 2500 रुपये नहीं दिया, लेकिन हमने दिया। बाद में केंद्र सरकार ने बोनस देने पर रोक लगाया।
पत्रजीवी: हमें पत्रजीवी कहा गया, अगर हमारे युवाओं, महिलाओं और किसानों के साथ अन्याय होगा, तो हम एक बार नहीं हजारों बार पत्र लिखेंगे।
आर्थिक सर्वेक्षण सदन में पेश
योजना आर्थिक व सांख्यिकी मंत्री अमरजीत भगत ने शुक्रवार को राज्य का आर्थिक सर्वेक्षण वर्ष 2020-21 सदन पटल पर रखा। इसमें इस वर्ष जीएसडीपी (प्रचलित भाव पर) में 1.54 फीसद की वृद्धि का अनुमान बताया गया है। वहीं, प्रति व्यक्ति आय एक लाख चार 943 रुपये रहने की जानकारी दी गई है।