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जांजगीर-चांपा। महाशिवरात्रि का पर्व गुरूवार 11 मार्च को मनाया जाएगा। इस दिन शिवालयों में भगवान शिव की पूजा-अर्चना, की जाएगी। जल व दूध से अभिषेक भी होगा। इसके लिए शिव मंदिरों में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। वहीं कांवरिए भी नदियों से जल भरकर मंदिर पहुंचेंगे। नवागढ़ व तुर्रीधाम में महाशिवरात्रि के दिन से मेला शुरु होगा। वहीं पीथमपुर में एक दिवसीय मेला लगेगा। हालांकि कोरोना काल के मद्देनजर आयोजन समितियों द्वारा कोरोना गाइड लाइन भी ध्यान रखा जा रहा है।

महाशिवरात्रि पर अंचल के शिवालयों में हर-हर महादेव और ऊं नमः शिवाय गूंजेगा। इसके लिए मंदिरों में तैयारियां पूरी हो गई है। खरौद के लक्ष्मणेश्वर मंदिर, पीथमपुर के कलेश्वरनाथ मंदिर, तुर्रीधाम के शिव मंदिर, जांजगीर के सेंधवार महादेव, चंदनियापारा स्थित शिव मंदिर में सुबह से ही श्रद्घालुओं की भीड़ उमड़ेगी इसके लिए मंदिरों में सापᆬ- सपᆬाई व रंग रोगन कर लिया गया है। नवागढ़ के लिंगेश्वर मंदिर के पास सप्ताह भर का मेला लगेगा। इसके लिए यहां टूरिंग टाकिज, झूले, होटल व सौंदर्य प्रसाधन की दुकानें लग गई है। मेले में किरीत, नेगुरडीह, मिसदा, केरा, धुरकोट, धाराशिव, अवरीद, बुड़ेना सहित आसपास के ग्रामीण बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। इसी तरह लक्ष्मणेश्वर मंदिर खरौद में भी सुबह से शिव भक्तों की कतार लगेगी। महाशिवरात्रि के दिन शिवरीनारायण मेले का समापन होगा, वहीं पूरी भीड़ खरौद में दिखेगी। यहां भी सुबह से रात तक श्रद्घालुओं का तांता लगेगा। सक्ती ब्लाक के तुर्रीधाम में लोग अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए दूर-दूर से लोट मारते पहुंचते हैं और भगवान शिव का दर्शन करते हैं। तुर्रीधाम स्थित शिव मंदिर में शिव लिंग के ऊपर से हमेशा जल की धारा निकलती है, इसलिए इस गांव का नाम तुर्री पड़ा है। शिवालयों में जल चढ़ाने बड़ी संख्या में श्रद्घालु कांवर लिए बोल बम और हर-हर महादेव के जयकारा के साथ नदियों से जल भरेंगे और पैदल यात्रा कर शिवलिंग में जल चढ़ाएंगे। महानदी और हसदेव नदी के संगम स्थल देवरी (केरा) से जल भरकर श्रद्घालु नवागढ़ पहुंचेगे। इसी तरह हसदेव नदी केराझरिया चांपा से जल भरकर कांवरिए पीथमपुर और नैला गौशाला के पास सिद्घमहादेव में चढ़ाएंगे। शिवरीनारायण के महानदी से जल भरकर श्रद्घालु लक्ष्मणेश्वर मंदिर में जलाभिषेक करेंगे।

लक्ष्मणेश्वर में चढ़ेगा लक्ष चावल

खरौद के लक्ष्मणेश्वर महादेव में लाख चावल चढ़ाने का विशेष महत्व है। लोग मनोकामना पूरा होने पर चावल के एक लाख दाने कपड़े की थैली में भरकर चढ़ाते हैं। इस चावल को लाख चाउर या लक्ष चावल भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि लक्ष्मणेश्वर शिवलिंग में एक लाख छिद्र हैं और यह अपने आप में अनूठा शिवलिंग है।

जनपद पंचायत ने खींचा हाथ

सक्ती क्षेत्र तुर्रीधाम स्थित में महाशिवरात्रि मेला कोरोनाकाल की भेंट चढ़ गया है। तुर्रीधाम में लगने वाले मेले के लिए दुकान तथा झूले लगकर लगभग तैयार हो चुके हैं, मगर जनपद पंचायत द्वारा महाशिवरात्रि पर होने वाले इस मेले को इस वर्ष नहीं करने का निर्णय लिया है। 11 मार्च से मेला लगना था ऐसे में दो दिनों पूर्व मेला नहीं होने के निर्णय से कमाने आए लोगों में निराशा देखने को मिली है। ज्ञात हो कि तुरीधाम में प्रति वर्ष मेले महाशिवरात्रि पर सप्ताह भर का मेला आयोजित किया जाता था।

शिव परिवार की प्रतिमा होगी स्थापित

पᆬोटो : 11 जानपी 1 – नवनिर्मित मंदिर

गोधना (नईदुनिया न्यूज)। ग्राम तुस्मा में कंजी नाला के पास शिव मंदिर का निर्माण कराया गया है। महाशिवरात्रि के अवसर पर गुरूवार 11 मार्च को यहां शिव परिवार की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। मंदिर का निर्माण कराने वाले ग्राम तेंदुआ निवासी तपसी राम पटेल और उनकी पत्नी देवकी बाई पटेल ने बताया कि मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। महाशिवरात्रि के दिन मंदिर में सुबह 11 बजे भगवान शिव, पार्वती, गणेश और भगवान कार्तिकेय की प्रतिमा पूजा अर्चना के साथ स्थापित की जाएगी। उन्होंने श्रद्घालुओं से उपस्थिति का आग्रह किया है।