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चंडीगढ़ फाइनेंस सेक्रेटरी के लिए पंजाब सरकार ने जो पैनल भेजा था, उसमें से नाम चयन के बाद भी चंडीगढ़ को नया अधिकारी नहीं मिल पाया है। छह महीने से होम सेक्रेटरी अरुण कुमार गुप्ता ही फाइनेंस सेक्रेटरी का कार्यभार भी संभाल रहे हैं।

अब होम सेक्रेटरी अरुण कुमार गुप्ता का कार्यकाल मई महीने में समाप्त हो रहा है। उनके लिए हरियाणा सरकार ने तीन अधिकारियों का पैनल भेज दिया है। लेकिन जो पैनल भेजा है उसमें एक ऐसे अधिकारी का नाम भी शामिल है। जिनकी सर्विस ही डेढ़ साल की बची है। जबकि चंडीगढ़ में होम सेक्रेटरी डेपुटेशन पर तीन साल के लिए आते हैं।

अब चिंता इस बात की है कि कहीं फाइनेंस सेक्रेटरी की तरह होम सेक्रेटरी का नाम भी फाइनल न हो पाए। जिससे चंडीगढ़ को बिना फाइनेंस और होम सेक्रेटरी के ही काम रहना पड़े। होम सेक्रेटरी के लिए हरियाणा ने जिन अधिकारियों का नाम भेजा है उनमें 2000 बैच के नितिन कुमार यादव, 2000 बैच के ही पंकज अग्रवाल और 2003 बैच के विनय सिंह का नाम शामिल है। हालांकि विनय सिंह की रिटायरमेंट में डेढ़ साल का समय ही बचा है। इसलिए प्रशासन ने उनके नाम पर आपत्ति जताते हुए उनकी जगह दूसरे अधिकारी का नाम भेजने के लिए हरियाणा सरकार को लिखा है।

अब देखना यह है कि उनकी जगह दूसरा नाम समय से आता है या नहीं। पंजाब की तरफ हमेशा लेटलतीफी का खामियाजा चंडीगढ़ को उठाना पड़ता है। फाइनेंस सेक्रेटरी नहीं होने से होम सेक्रेटरी के पास इन दिनों 20 से अधिक विभाग का कार्यभार है। ऐसे में काम की गुणवत्ता कहीं पीछे छूट जाती है। चंडीगढ़ का बजट तक इस बार बिना फाइनेंस सेक्रेटरी के बना है।