देहरादून: महिला की आत्महत्या के मामले में हरिद्वार के गंगनहर थाना पुलिस की विवेचना में ठोस साक्ष्य संकलन न करने व जांच में लापरवाही बरतने पर डीजीपी अशोक कुमार ने जांच अधिकारी को तत्काल निलंबित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही डीआइजी गढ़वाल को निर्देशित करते हुए केस की पुनर्विवेचना पुलिस अधीक्षक ग्रामीण से कराते हुए एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी है।
गंगनहर थाना क्षेत्र निवासी कविता ने 27 अगस्त, 2018 को ससुराल में आत्महत्या कर ली थी। उनके पिता राजकुमार निवासी जनकपुरी, मुजफ्फरनगर ने थाना गंगनहर में ससुराल पक्ष पर बेटी को आत्महत्या के लिए उकसाने व धमकी देने का मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद विवेचक ने अंतिम रिपोर्ट लगाकर चार्जशीट न्यायालय को भेज दी। 19 मार्च, 2021 को मृतका के पिता राजकुमार ने डीजीपी से मुलाकात कर मुकदमे की पुनर्विवेचना कराने को प्रार्थना पत्र दिया। डीजीपी ने मामले का संज्ञान लेते हुए विवेचक को पुलिस मुख्यालय में बुलाया। समीक्षा के दौरान पाया गया कि महिला की मृत्यु शादी के सात वर्ष के भीतर हुई थी।
ऐसे में दहेज हत्या के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर विवेचना की जानी चाहिए थी। इसके साथ ही महिला ने वर्ष 2017 में अपने ससुराल पक्ष के खिलाफ महिला थाना मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश में दहेज प्रताडऩा का मुकदमा दर्ज कराया था। इन तथ्यों का संज्ञान न लेते हुए केवल आत्महत्या के लिए उकसाने व धमकी देने का मुकदमा दर्ज कर अंतिम रिपोर्ट लगाकर न्यायालय में चार्जशीट लगा दी गई।