कोलकाता। बंगाल में दक्षिण 24 परगना की तरह उत्तर 24 परगना भी टीएमसी का गढ़ है। जिले में मुस्लिम आबादी ज्यादा है जो टीएमसी के कोर मतदाता हैं। यही वजह है कि 2016 में जिले की 33 में से 27 सीटें तृणमूल कांग्रेस की झोली में गई थी। हालांकि तब भाजपा आज की तरह लड़ाई में नहीं थी।
17 अप्रैल को पांचवें चरण में उत्तर 24 परगना की 16 सीटों पर चुनाव होना है। मुस्लिम बहुल इन सीटों पर इस बार तृणमूल को भाजपा से टक्कर मिल रही है। दरअसल वर्ष 2019 के आम चुनाव से पहले और उसके बाद उत्तर 24 परगना जिला के कई कद्दावर नेता तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं।
भाजपा ने चक्रवात एम्फन में हुए भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाने की कोशिश की है। जिले के प्रभावशाली भाजपा नेता व सांसद अर्जुन सिंह ने कहा कि एम्फन में बंगाल के जिन जिलों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था, उसमें उत्तर और दक्षिण 24 परगना शामिल थे। यहां हजारों घर पानी में बह गए। सरकार ने कुछ लोगों को 20-20 हजार रुपये दिए। कुछ को पांच-पांच हजार रुपये दिए। इसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है तथा भाजपा ने इसे ही बड़ा मुद्दा बनाया है। पंचायत चुनाव में यहां लोगों को वोट भी नहीं डालने दिए गए थे। उन्होंने कहा कि भले की सभी विधानसभा सीटों पर तृणमूल का दबदबा है, लेकिन भाजपा हर सीट पर यहां लड़ाई में है। अर्जुन सिंह ने कहा कि पूरे राज्य में भाजपा की लहर है। जिले की ज्यादातर सीटें भाजपा की झोली में जाएंगी।
साल 2019 में ही भाजपा ने टीएमसी के इस गढ़ को भेद दिया था। उत्तर 24 परगना में कुल पांच लोकसभा सीट आती हैं। इसमें से बैरकुपर और बनगांव भाजपा ने जीत ली थी लेकिन ये दोनों वो सीटें हैं जहां मुस्लिम आबादी बहुत कम है और मतुआ संप्रदाय के लोग ज्यादा हैं। जबकि बशीरहाट, बारासात में टीएमसी को ही जीत मिली थी।