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सोबन सिंह गुसांई :पहाड़ों में ड्यूटी करने को अभिशाप समझ रहे इंस्पेक्टर व दारोगाओं को पहाड़ में तैनात इंस्पेक्टर व दारोगाओं ने बड़ी राहत दी है। दरअसल, पहाड़ों में ड्यूटी कर रहे कई इंस्पेक्टर और दारोगाओं ने मैदानी जिलों में आने से इन्कार कर दिया है। जिससे मैदानों में डटे 12 इंस्पेक्टर और 96 दारोगाओं को अब पहाड़ नहीं चढऩा पड़ेगा। केवल तीन इंस्पेक्टर व 55 दारोगा ही पहाड़ चढ़ेंगे।

पिछले डेढ़ महीने से तबादलों की जद्दोजहद में जुटा पुलिस विभाग अब जाकर तबादलों की स्थिति स्पष्ट कर पाया है। संभवत: अगले सप्ताह तबादलों की पहली लिस्ट जारी कर दी जाएगी। इंस्पेक्टरों के पदों की बात करें तो रेंज कार्यालय की ओर से देहरादून व हरिद्वार जनपद से अब तक पहाड़ नहीं चढ़े 15 से अधिक इंस्पेक्टरों की लिस्ट तैयार की गई थी, लेकिन पहाड़ से इंस्पेक्टरों ने मैदानी जिलों में आने के लिए दिलचस्पी नहीं दिखाई। ऐसे में अब दोनों जिलों से सिर्फ तीन इंस्पेक्टरों को ही पहाड़ भेजा जाएगा। इसी तरह दारोगाओं में देहरादून से 78 और हरिद्वार जिले से 83 दारोगाओं को पहाड़ भेजा जाना था, लेकिन पहाड़ से केवल 50 दारोगा ही देहरादून व हरिद्वार आने को तैयार हुए। ऐसे में 55 दारोगाओं को पहाड़ भेजा जाएगा।

847 हेड कांस्टेबल व कांस्टेबल उतरेंगे मैदान

तबादला लिस्ट के अनुसार 847 हेड कांस्टेबल व कांस्टेबल पहाड़ी जिलों से मैदानी जिलों में आएंगे। जबकि, देहरादून से 480 व हरिद्वार से 238 कुल 718 हेड कांस्टेबल व कांस्टेबल को पहाड़ी जिलों में भेजा जा रहा है। पहाड़ी जिलों से भारी संख्या में हेड कांस्टेबल व कांस्टेबल ने मैदानी जिलों में आने के लिए दिलचस्पी दिखाई है, लेकिन अभी उन्हीं पुलिसकर्मियों की लिस्ट तैयार की गई है जोकि अब तक पहाड़ चढ़े ही नहीं।

यह है तबादलों की नियमावली

इंस्पेक्टर व दारोगाओं के लिए एक बार में मैदानी जनपदों में ड्यूटी अवधि आठ वर्ष जबकि पहाड़ी जनपदों में चार वर्ष है। वहीं, हेड कांस्टेबल व कांस्टेबल के लिए मैदानी जनपदों में नियुक्ति अवधि क्रमश: 12 व 16 वर्ष है। जबकि, पहाड़ी जिलों में नियुक्ति अवधि छह व आठ वर्ष है। जिन इंस्पेक्टरों, दारोगाओं, हेड कांस्टेबल व कांस्टेबल ने इससे अधिक समय गुजार दिया है, उनका तबादला किया जा रहा है।

ट्रांसफर रुकवाने के लिए सिफारिशें

इंस्पेक्टर व दारोगाओं को पहाड़ न चढऩा पढ़े, इसके लिए उन्होंने पहले ही सिफारिशें लगा दी हैं। रेंज कार्यालय में पहाड़ न चढऩे के कारणों को लेकर अधिकारी अपनी-अपनी समस्या बताकर ट्रांसफर रुकवाने के लिए गुहार लगा चुके हैं। वहीं कई अधिकारी नेताओं से ट्रांसफर रुकवाने की जुगत में जुटे हुए हैं।

डीआइजी गढ़वाल रेंज नीरु गर्ग का कहना है कि संभवत: एक सप्ताह में तबादला लिस्ट जारी कर दी जाएगी। पहाड़ से मैदान में आने वाले पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों की संख्या कम है, जबकि मैदानी क्षेत्रों में ऐसे अधिकारियों व कर्मचारियों की संख्या अधिक है जो नियमावली के अनुसार समयाविधि पूरी कर चुके हैं। लेकिन, संतुलन बनाकर ही तबादले किए जाएंगे। जितने पहाड़ से मैदान आएंगे उतने ही मैदान से पहाड़ भेजे जाएंगे।