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देहरादून। केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को पर्वतीय क्षेत्रों के जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए उपलब्ध कराए गए दो हेलीकॉप्टर में से एक हेलीकॉप्टर देहरादून के जोलीग्रांट एयरपोर्ट पर सुबह 8:30 बजे पहुंच चुका है। इसके बाद हेलीकॉप्‍टर ने टिहरी गढ़वाल के कोटी कॉलोनी के लिए उड़ान भरी। वायुसेना के हेलीकॉप्‍टर ने कोटी के आसपास के जंगलों में लगी आग को बुझाने का कार्य शुरू कर दिया है।

भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टर ने टिहरी गढ़वाल के कोटी कॉलोनी इलाके में पास के जंगलों में अग्निशमन अभियानों में भाग लिया। 5000 लीटर क्षमता वाली बाम्बी बकेट की मदद से टिहरी झील से पानी का छिड़काव किया जा रहा है। पहले दौर में अडवानी के जंगल में पानी का छिड़काव किया गया।  गौरतलब है कि इससे पहले वर्ष 2016 में जंगलों की आग पर नियंत्रण को सेना के हेलीकाप्टरों की मदद ली गई थी।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने प्रदेश के अंदर पर्वतीय क्षेत्रों के जंगल में बढ़ती आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार से दो हेलीकाप्टर उपलब्घ कराए जाने का अनुरोध किया था। इस संबंध में उनकी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर वार्ता हुई थी।

केंद्रीय गृह मंत्री ने वनों में लगने वाली आग को बुझाने के लिए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया था। इसी कड़ी में सोमवार को दिल्ली से एक हेलीकॉप्टर उत्तराखंड में पहुंच चुका हैं। डोईवाला तहसील के नायब तहसीलदार रूप सिंह ने बताया दिल्ली से एक हेलीकॉप्टर आग बुझाने के लिए जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर पहुंच चुका है।

लो-विजिबिलिटी के चलते नहीं पहुँचा हेलीकॉप्टर

केंद्र द्वारा कुमाऊं के जंगलों की आग बुझाने के लिए उपलब्ध करवाया गया एयरफोर्स का हेलीकॉप्टर अभी पंतनगर नहीं पहुंच सका। नोडल अफसर व डीएफओ तराई पूर्वी संदीप कुमार ने बताया कि पंतनगर व आसपास के इलाके में धुंए के कारण विजिबिलिटी काफी कम है। जिससे हेलीकॉप्टर लैंड कराने में दिक्कत आएगी। यही वजह है कि सेना का हेलीकॉप्टर अभी अपने देहरादून कैम्प से रवाना नहीं हुआ।