सिविल लाइंस फाटक को बंद कर दिया गया है। भाजपा नेता और कार्यकर्ता पुजारी के शव को ताबूत में रखकर धरने पर बैठे हैं। डॉ मीणा यहाँ सबसे पहले प्रदेश भाजपा मुख्यालय पहुंचे जहां से भाजपा नेताओं के साथ मिलकर उन्होंने सिविल लाइन्स कूच किया। इस दौरान उनके साथ जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा, पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी, विधायक अशोक लाहोटी, कालीचरण सराफ और जयपुर शहर अध्यक्ष राघव शर्मा सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे। भाजपा के राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने कहा- हमारी सुनवाई नहीं हुई है। पार्टी अध्यक्ष का निर्देश था कि शव को यहां पर लाया जाए। छह दिन से हम न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं। ब्राह्मण समाज न्याय मांग रहा है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। हम गहलोत साहब को जगाने आए हैं, वे निंद्रा से जागें और हमारी बात सुनें। उन्होंने कहा कि प्रशासन से बनी सहमति के अनुसार बुधवार दोपहर तीन बजे तक मंदिर माफ़ी की ज़मीन से अतिक्रमण हटाया जाना था। लेकिन भूमाफियाओं के दबाव में कोई कार्रवाई नहीं हुई। ना ही अब तक इस प्रकरण को लेकर किसी की गिरफ्तारी हुई है। ऐसे में जब तक मांगे पूरी नहीं होंगी तब तक ना ही धरना ख़त्म होगा और ना ही शंभू पुजारी के शव की अंत्येष्ठी ही होगी। सांसद ने कहा कि शंभू के परिजनों को न्याय दिलाने के लिए मेरा संघर्ष आखिरी सांस तक जारी रहेगा।
भाजपा सांसद डॉ. मीणा के पिछले पांच दिन से पड़ाव डाले बैठे होने के कारण स्थानीय प्रशासन के भी हाथ-पाँव फूले हुए हैं। कुछ मांगों पर तो सहमति बन गई लेकिन शेष रही मांगों पर कानूनी व विधिक अडचनों के चलते अब तक गतिरोध बरकरार है। दौसा कलक्टर पीयूष सामरिया का कहना है कि क्यूंकि मामला रजिस्ट्री से जुदा हुआ है, लिहाजा प्रशासनिक प्रक्रिया अपनाई जा रही है। वहीं मंदिर माफ़ी की ज़मीन पर बने निर्माणों को तोड़ने के मामले पर भी जांच जारी है। पूरे तथ्यों की जांच-पड़ताल के आधार पर ही कोई कार्रवाई की जा सकेगी।
गत दिनों टिकरी गांव के 75 वर्षीय बुजुर्ग व मूक-बधिर पुजारी शंभू शर्मा की मौत हो गई थी। परिजनों का आरोप है कि गांव के कुछ भूमाफियाओं और दबंगों ने अफसरों से गठजोड़ करके उसकी बेशकीमती जमीन को हथिया लिया। इस सदमे में बुजुर्ग पुजारी की मौत हो गई। अब मृतक पुजारी को न्याय दिलाने के लिए परिजनों और ग्रामीणों के साथ सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा भी धरने पर बैठे हुए हैं।दौसा जिले के टीकरी गांव में मूक बधिर पुजारी की मंदिर की 26 बीघा जमीन की भूमाफियाओं ने रजिस्ट्री करवा ली। आरोप है कि सब रजिस्ट्रार से लेकर पूरा प्रशासन भूमाफियाओं से मिला हुआ था। धोखाधड़ी से जमीन की रजिस्ट्री के बाद पहले से बीमार चल रहे पुजारी की तबीयत और बिगड़ी।
ज्यादा तबीयत बिगड़ने पर उसे 29 मार्च को महवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया था। प्राथमिक उपचार के बाद उसे 30 मार्च को गंभीर अवस्था में जयपुर रेफर किया गया था। 2 अप्रैल को जयपुर के एसएमएस अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मृतक शंभू शर्मा की जमीन की रजिस्ट्री षड्यंत्र करने के मामले में तहसीलदार को एपीओ करने के आदेश, मृतक द्वारा पूर्व में दर्ज मुकदमे की धारा 420 में अब धारा 302 को भी जोड़ा गया। एसपी द्वारा मामले की पड़ताल के लिए तीन टीम गठित की है। षड्यंत्र में लिप्त अपराधियों को जल्दी पकड़ने का आश्वासन औरमंदिर माफी की जमीन पर अवैध निर्माण को प्रशासन द्वारा गुरुवार 3 बजे तक तोड़ने का आश्वासन दिया था।