हरिद्वार। धर्मनगरी हरिद्वार में अगले तीन दिन पांच संन्यासी अखाड़ों की पेशवाई का उल्लास रहेगा। आज पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी की पेशवाई निकलने से कुंभ का भव्य स्वरूप देखने को मिल रहा है। आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के रथ पर सवार होते ही पेशवाई की औपचारिक शुरुआत हो गई है। इससे पहले रथों को सजाया गया और पूजा-अर्चना की गई। इस बार चंद्राचार्य चौक पर भी पेशवाईयां दस्तक देंगी। वहीं, पेशवाई निकलने के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में कुंभ पुलिस के करीब दो हजार जवान तैनात रहेंगे।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पेशवाई का शुभारंभ करते हुए कहा कि कुंभ सनातन धर्म संस्कृति का शिखर पर्व है और यह देवभूमि उत्तराखंड का सौभाग्य की इसका आयोजन हरिद्वार में होता है। सरकार कुंभ को दिव्य और भव्य बनाने के लिए संकल्परत है और हर संभव तैयारी कर रही है। सीएम ने कहा कि कोविड-19 को देखते हुए केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हुए कुंभ को दिव्य और भव्य बनाने के लिए हर संभव व्यवस्था बनाई गई है। साथ ही संतों के सानिध्य में कुंभ दिव्य और भव्य रूप से सफल होगा। यह हमारी मां गंगा से प्रार्थना है और मां गंगा इसे पूर्ण रूप से निर्मित में सफल बनाएगी।
वहीं, आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने कहा कि कुंभ विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जिसकी शुरुआत निरंजनी अखाड़े की पेशवाई के साथ हो रही है। हरिद्वार कुंभ दिव्य और भव्य रुप से संपन्न होगा। प्रदेश सरकार इसके लिए कोविड-19 गाइडलाइन का पालन करते हुए हर संभव तैयारी और आयोजन कर रही है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि पेशवाई कुंभ की शुरुआत का पहला बड़ा आयोजन होता है और निरंजनी अखाड़े की पेशवाई के साथ ही कुंभ की शुरुआत हो गई है। निरंजनी अखाड़े के सचिव और मनसा देवी मंदिर के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने कहा कि पेशवाई के आरंभ के साथ ही कुंभ के आयोजन की शुरुआत हो गई है। यह दिव्य और भव्य रुप से संपन्न होगा।
(पेशवाई में पहुंचे बाबा बर्फानी पेशवाई)
इससे पहले पेशवाई शुरू होने पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पेशवाई के लिए मौजूद सभी संत-महात्माओं को फूल माला पहनाकर उनका आशीर्वाद लिया। इस मौके पर निरंजनी पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि, महंत धर्मदास महंत कृष्ण दास, महंत राजेंद्र दास, साध्वी निरंजना ज्योति, युगपुरुष परमानंद, महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव रविंद्रपुरी, मेला अधिकारी दीपक रावत, आइजी संजय गुंज्याल सहित बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक और संत-महात्मा उपस्थित हैं। पेशवाई में हाथी घोड़े और ऊंट चल रहे हैं। साथ ही 25 बैंड भी शामिल हैं। नासिक से शिव तांडव बैंड पेशवाई के लिए विशेष रूप से आया हुआ है। संत-महात्माओं के 50 रथ चल रहे हैं।
(आनंद अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरि का रथ)
आपको बता दें कि चार मार्च को गुघाल मंदिर पांडेयवाला से श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा और अग्नि अखाड़े की पेशवाई निकलेगी। आर्यनगर चौक से कनखल की तरफ न जाकर पेशवाई ऊंचा सड़क, आर्यनगर चौक से होते हुए सीधे मायादेवी मंदिर कैंप से सटे मैदान और रामलीला मैदान में बनी छावनियों में पहुंचेगी। पांच मार्च को गुघाल मंदिर पांडेयवाला से ही श्रीपंच दशनाम आह्वान अखाड़ा की पेशवाई भी जूना एवं अग्नि अखाड़े के पेशवाई रूट से होते हुए अपनी छावनी में पहुंचेगी। इसी तरह एसएमजेएन कालेज से ही आनंद अखाड़े की पेशवाई इसी मार्ग से होते हुए श्रवणनाथनगर में अपनी छावनी में पहुंचेगी।