चंडीगढ़। चंडीगढ़ जिला शिक्षा अधिकारी सेक्टर-19 के कार्यालय में उस समय हडकंप मच गया जब नौकरी से निकाले हुए फोर्थ क्लास कर्मचारी धनी राम ने पेट्रोल डालकर आत्मदाह का प्रयास किया। उसे समय रहते अन्य कर्मचारियों ने बचा लिया। धनी राम की नियुक्ति वर्ष 2011 में डीसी रेट पर गवर्नमेंट मॉडल हाई स्कूल सेक्टर-53 में की गई थी। इसके चार साल बाद उसे कांट्रेक्ट पर गवर्नमेंट मॉडल हाई स्कूल सेक्टर-42 भेजा गया। उसे पिछले दिनों नौकरी से निकाल दिया गया था। करीब पांच महीने बेरोजगार रहने के बाद उसकी नियुक्ति गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर-46 में की गई लेकिन एक महीना काम करवाकर बिना सैलरी से उसे वहां से भी निकाल दिया गया। इससे परेशान होकर धनी राम ने सेक्टर-19 स्थित जिला शिक्षा अधिकारी दफ्तर की छत पर चढ़कर आत्मदाह का प्रयास किया।
धनी राम द्वारा आत्मदाह करने के मामले पर जब जिला शिक्षा अधिकारी नीना कालिया से बात की गई तो उन्होंने कुछ भी कहने से साफ मना कर दिया। डीईओ के अनुसार इस संबंध में विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ही कॉमेंट कर सकते है।
यह है मामला-
चंडीगढ़ शिक्षा विभाग फोर्थ क्लास कर्मचारियों के लिए जेम पोर्ट्रल के जरिए कांट्रेक्टर नियुक्त करता है। इस बार का कांट्रेक्ट अमन सिक्योरिटी कांट्रेक्टर को दिया गया। कांट्रेक्टर बदलने के बाद लगातार कर्मचारियों ने कॉट्रेक्टर के खिलाफ शिकायतें की कि काम पर बने रहने के लिए उनसे मोटे पैसे की डिमांड की जा रही है। चंडीगढ़ शिक्षा विभाग के फोर्थ क्लास कर्मचारियों की सौ से ज्यादा शिकायतें अमन कांट्रेक्टर के खिलाफ शिक्षा विभाग से लेकर प्रशासन के आला अधिकारियों को दी गई है लेकिन कांट्रेक्टर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।
यह है नियम
कांट्रेक्टर की नियुक्ति जेम पोर्ट्रल के जरिए होती है। इसमें क्लियर है कि यदि काम पर बने रहने के लिए कोई कांट्रेक्टर पैसे मांगता है तो विभाग पहले इंक्वायरी शुरू करेगा और इंक्वायरी पूरी होने के बाद दोषी कांट्रेक्टर को ब्लैकलिस्ट किया जाता है। बावजूद इसके चंडीगढ़ शिक्षा विभाग कांट्रेक्टर के खिलाफ इंक्वायरी ही शुरू करने में नाकाम रहा है।