img

[object Promise]

जीरकपुर/मोहाली। जीरकपुर शहर के बाहर से ही पंचकूला की ओर आने-जाने वालों के लिए बाईपास बनाने की मांग लोगों की ओर से की जा रही है। हालांकि ये मांग पिछले कई सालों से की जा रही है। लेकिन इसके बावजूद इसे पूरा नहीं किया जा रहा। जीरकपुर निवासियों का कहना है कि 2005 में बाईपास बनाने की प्लानिंग की गई थी।

रोड नेटवर्क के लिए बनी कमेटी के सदस्य रह चुके प्रेम सिंह ढकोली ने कहा कि इस प्लानिंग पर काम होना जरूरी है। जीरकपुर शहर के बीच ट्रैफिक जाम की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है। इस परेशानी को दूर करने के लिए मोहाली से पंचकूला के बीच पीआर-7 रोड का निर्माण किया जा रहा है। पीआर-7 रोड मोहाली से जीरकपुर होकर पंचकूला तक 11 किलोमीटर लंबा है, जो जीरकपुर के बाहरी हिस्से में अंबाला हाईवे तक बना है। अंबाला हाईवे से पीरमुछल्ला तक करीब चार किलोमीटर का रोड अभी बनना है।

मोहाली से जीरकपुर तक इस रोड का निर्माण गमाडा ने किया। अब इसके आगे इस रोड को पूरा करने का काम एनएचएआइ को सौंपा गया है। एनएचएआइ इस काम को कब पूरा करेगा, इसके लिए कोई समय सीमा तय नहीं है। चार किलोमीटर रोड बनाने के लिए लैंड एक्विजिशन का काम भी अधूरा है। इसलिए यह बाईपास फिलहाल पब्लिक के काम नहीं आ रहा है। जीरकपुर के ट्रैफिक जाम को अगर किसी तरह से कम किया जा सकता है, तो वह है डेराबस्सी से वाया ढकौली होकर पंचकूला के बीच की रोड। यह रोड पूरी तरह से कनेक्ट है लेकिन तंग है। इसलिए इसको बाईपास का दर्जा देने के लिए इसकी वाइडनिंग की जरूरत है। यह काम कम समय में भी हो जाएगा और पीआर-7 रोड बनने तक इसके अलावा कोई विकल्प भी नहीं है।

ध्यान रहे कि 2014 के बाद ओल्ड अंबाला रोड से लेकर मुबारकपुर और आगे डेराबस्सी तक नया रूट बनाया गया। नगला के आगे घग्गर पुल पर कॉज-वे बना। यह रूट पंचकूला से डेराबस्सी के बीच वाया ढकोली आवाजाही का सबसे आसान और कम समय में पहुंचने का रास्ता है। पर इसे बाईपास के तौर पर चौड़ा नहीं किया गया। कई जगहों पर यह रास्ता सिंगल लेन है। पिछले सालों में जीरकपुर नगर पषिद के दायरे में आने वाले इस रूट की कई सड़कों को चौड़ा भी किया गया। डेराबस्सी से जीरकपुर के बीच इस रोड का कुछ भाग पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत आता है। कुछ जीरकपुर नगर परिषद के अंतर्गत आता है।

2005 में बाईपास को लेकर मंजूरी मिली थी। लेकिन बाईपास बनाने को लेकर न सिर्फ मीटिंग हुई, बल्कि ढकोली से मुबारकपुर के बीच कनेक्टिविटी जोड़ने के लिए एक रोड बनाने की प्लानिंग को भी मंजूरी दी गई। बाद में यह रोड ढकोली-मुबारकपुर के तौर पर बनी। इस पर घग्गर नदी के ऊपर कॉज-वे बना।

नगर परिषद के म्यूनिसिंपल इंजीनियर मुकेश राय ने कहा कि ढकोली-मुबारकपुर रोड के काफी हिस्से की वाइडनिंग का काम पीडब्ल्यूडी विभाग ने किया है। इस पर बाईपास बनाने को लेकर जीरकपुर नगर परिषद सरकार के समक्ष प्रस्ताव रख सकती है। एमसी एरिया में आने वाली रोड्स की वाइडनिंग हम कर रहे हैं।