चतरा। झारखंड के चतरा जिले में हुई इस अनूठी शादी के हर तरफ चर्चे हैं। यहां शादी के लिए लड़की देखने पहुंचे युवक को वह इतनी पसंद आ गई कि उसने ऑन स्पॉट विवाह करने की जिद कर दी। इसके बाद परिजनों ने बिना लग्न-मुहूर्त के चट मंगनी पट ब्याह कराया। मामला गिद्धौर थाना क्षेत्र का है। जहां सादगी के साथ हुई इस शादी में कोई आडंबर नहीं दिखा। न बैंड-बाजे का तामझाम, न बारातियों का लाव-लश्कर और न ही शुभ लग्न और शुभ मुहूर्त। बस सात फेरे लेते ही फटाफट अंदाज में वर-वधू नवजीवन के डोर में बंधकर एक-दूजे के हो गए। यहां लड़के ने महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ को साक्षी मानकर दुल्हन की मांग में सिंदूर भरा। इसके बाद दूल्हा अपने दुल्हन के साथ गांव से खुशी-खुशी विदा हो गया।
दैनिक जागरण संवाददाता ने बताया कि लड़का और लड़की के बीच विवाह पर बात आगे बढ़ी और लड़का गुरुवार को अपने लिए सुयोग्य कन्या देखने लड़की के घर पहुंचा। यहां लड़की देखते ही उसके मन को भा गई। वधू पर लट्टू दूल्हे ने आनन-फानन में ही शादी करने की फरमाइश कर दी। लड़के की तुरंत शादी की जिद पर अड़ जाने के बाद वर-वधू पक्ष ने उनकी मंदिर में शादी करा दी।
इससे पहले घर-परिवार के लोगों ने लड़के को लाख समझाने की कोशिश की, लग्न-मुहूर्त उपयुक्त नहीं होने का हवाला दिया। लेकिन शादी का पूरी तरह मन बना चुका दूल्हा अपने इरादे से तनिक भी टस से मस नहीं हुआ। थक-हारकर परिवार वालों ने लड़का और लड़की का विवाह संपन्न करा दिया। लड़का राजेंद्र कुमार हजारीबाग जिले के चौपारण प्रखंड के भगहर-भंडार गांव का रहने वाला है। जबकि लउ़की गिद्धौर प्रखंड मुख्यालय की निवासी है।
जानकारी के मुताबिक गिद्धौर के ब्रह्मदेव दांगी की पुत्री संजू कुमार के रिश्ते के लिए स्व. विनोद दांगी का पुत्र राजेंद्र कुमार गुरुवार को उनके घर पहुंचा। यहां लड़के को पहली नजर में लड़की जीवनसंगिनी के रूप में भा गई। उसने तत्काल ही परिजनों के सामने शादी की जिद कर डाली। हालांकि लड़का और लड़की के परिजन उसे अप्रैल में शुभ विवाह के लग्न में शादी करने के लिए मनाते रहे। लेकिन वह अपने इरादे से तनिक भी टस से मस नहीं हुआ। अंतत: उनकी शादी करानी पड़ी।
बताया गया कि दूल्हा राजेंद्र ने सादगी के साथ शादी करने की बात की और बिना दान-दहेज के सात फेरे लिए। उसने शादी में कोई गिफ्ट लेने से भी मना कर दिया। दुल्हन के पिता ब्रह्मदेव दांगी ने इसके बाद गांव वालों को मौके पर राय-मशविरा के लिए बुलाया। सभी के समझाने-बुझाने का जब लड़के पर कोई असर नहीं हुआ, साथ ही लड़का बिना विवाह के घर नहीं लौटने की जिद पकड़कर बैठ गया। इसके बाद गिद्धौर के बटेश्वर शिव मंदिर में हिंदू रीति-रिवाज के साथ दूल्हा और दुल्हन एक-दूसरे के हो गए।