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पटना। बिहार में तमाम कयासों के बीच अब तक नीतीश कुमार मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हुआ है। नीतीश की अगुवाई में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार बने दो महीने से ज्यादा गुजर चुके हैं, लेकिन अब तक मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर घटक दलों में बात नहीं बन पाई है।

पहले कहा जा रहा था कि खरमास गुजरने के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार कर दिया जाएगा, लेकिन खरमास गए भी करीब 15 दिन गुजर गए। इधर, सूत्रों का कहना है कि सत्ता के दो प्रमुख केंद्र भाजपा और जदयू में विभागों को लेकर पेंच फंसा है। हालांकि दोनों दल के नेता किसी भी मतभेद से इनकार कर रहे हैं।

वैसे, अभी तक जिस तरह की स्थिति बनी हुई है, उसमें अब इस महीने मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना नहीं के बराबर लगती है, हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि सबकुछ तय हो गया तो मंत्रिमंडल विस्तार कभी भी हो सकता है।

जदयू मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भाजपा को जिम्मेदार बताती रही है। जदयू के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह कहते हैं कि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कहीं कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने कहा कि बजट सत्र के पहले ही मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाएगा।

इधर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल भी कहते हैं कि मंत्रिमंडल को लेकर कोई विवाद नहीं है। कभी भी मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है। उन्होंने कहा कि राजग में किसी बात को लेकर विवाद नहीं है, सरकार ठीक से चल रही है।

उधर, हालांकि लाख टके के सवाल है कि अगर राजग के घटक दलों में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कोई विवाद ही नहीं तो मंत्रिमंडल विस्तार में देरी क्यों हो रही है?

सूत्रों का कहना है कि जदयू में भी बाहर से आए विधायकों को मंत्री बनाने को लेकर अंदर ही अंदर विरोध पनपा है। जदयू के कई विधायक बहुजन समाज पार्टी से जदयू में आए जमां खां को मंत्री बनाने के पक्ष में नहीं है। इधर, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन (एआईएमआईएम) के बिहार के सभी पांच विधायकों ने गुरुवार को नीतीश कुमार से मुलाकात की है, जिसके बाद से ही कयासों का दौर प्रारंभ हो गया है।

बिहार में मुख्यमंत्री को छोडकर 13 मंत्री हैं, जिसके सहारे सरकार चल रही है। बिहार में 23 और मंत्री बनाए जा सकते हैं।

बिहार विधानसभा चुनाव में राजग को बहुमत मिलने के बाद 16 नवंबर को 14 मंत्रियों के साथ नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इसमें से एक मेवालाल चौधरी का इस्तीफा हो चुका है।

फिलहाल सूत्रों का भी कहना है कि मंत्रिमंडल विस्तार में बंटवारा अब केवल भाजपा और जदयू के बीच ही होना है। बिहार सरकार में चार दल शामिल हैं, जिसमें से हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) तथा विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को एक-एक मंत्री पद मिल चुका है।

बहरहाल, मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर राजग के घटक दल भले ही मतभेद नहीं होने की बात कर रहे हों लेकिन अब तक मंत्रिमंडल विस्तार नहीं होना राजग में सबकुछ ठीक नहीं होने का संकेत तो दे ही रहा है।