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नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर विभिन्न जाति और समुदाय के लोगों के बीच मतभेद पैदा करने का आरोप लगाया। तृणमूल प्रतिनिधिमंडल ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के लिए प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की। तृणमूल प्रतिनिधिमंडल में डेरेक ओ’ब्रायन, कल्याण बनर्जी, प्रतिमा मंडल और शांतनु सेन शामिल रहे।

चुनाव आयोग को सौंपे गए ज्ञापन में तृणमूल ने कहा, हम आपके नोटिस में तृणमूल कांग्रेस के प्रति बंगाल चुनाव आयोग के दृष्टिकोण के संबंध में मामलों की विवादास्पद स्थिति सामने रख रहे हैं।

तृणमूल ने भाजपा नेताओं के खिलाफ अपनी शिकायत में घटनाक्रम को तीन श्रेणियों में सूचीबद्ध किया है – निर्वाचन आयोग द्वारा कार्रवाई न किया जाना, निर्वाचन आयोग द्वारा कम कार्रवाई करना और निर्वाचन आयोग द्वारा ज्यादा कार्रवाई किया जाना।

आयोग की ओर से निष्क्रियता का उदाहरण देते हुए, तृणमूल प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए दो भाषणों पर भी प्रकाश डाला। इसके साथ ही शाह के एक संवाददाता सम्मेलन का भी हवाला दिया गया, जहां उन्होंने आरोप लगाया था कि ममता बनर्जी ने राज्य में आनंद बर्मन की मृत्यु पर एक भी शब्द नहीं बोला, जो सरासर झूठ है। तृणमूल ने शाह पर जातिगत भेदभाव फैलाने का आरोप लगाया।

तृणमूल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के भाषणों को सूचीबद्ध करते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने ऐसे बयान दिए हैं, जो आदर्श आचार संहिता के साथ ही जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 का उल्लंघन थे।

निर्वाचन आयोग को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि भारत निर्वाचन आयोग का दावा है कि वह भाषणों की निगरानी करता है। हालांकि, उसने ऐसे गंभीर उल्लंघनों पर कोई कार्रवाई नहीं की। इसमें कहा गया है कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह को बचे हुए चरणों में प्रचार के लिए प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।

टीएमसी ने यह भी आरोप लगाया कि आचार संहिता का उल्लंघन करने के साथ ही ये भाषण अनुचित और महिलाओं के प्रति असम्मानपूर्ण थे।

चुनाव आयोग द्वारा कार्रवाई का हवाला देते हुए, तृणमूल के ज्ञापन में कहा गया है कि बनर्जी को 24 घंटे प्रचार करने से प्रतिबंधित कर दिया गया था।

तृणमूल के ज्ञापन में कहा गया है कि यह विश्वास है कि पश्चिम बंगाल के लोग पार्टी उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान करके चुनाव आयोग के इस तरह के अवैध कृत्यों का उचित जवाब देंगे।

ज्ञापन में कहा गया है, हम चुनाव आयोग से उसके ²ष्टिकोण में कुछ निष्पक्षता प्रदर्शित करने का आग्रह करते हैं। वर्तमान में, इसके कार्य सभी निष्पक्षता से रहित हैं। हम चुनाव आयोग से पश्चिम बंगाल में चल रहे विधानसभा चुनावों के अंतिम चार चरणों में एक स्तरीय प्लेइंग फील्ड सुनिश्चित करने का आग्रह करते हैं।