देहरादून। उत्तराखंड की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने राजस्थान के बीकानेर से दो अंतरराज्यीय साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों ने इसी मार्च में देहरादून निवासी एक व्यक्ति से साढ़े 16 लाख रुपये ठग लिए थे। बताया जा रहा है कि दोनों शातिरों ने साइबर ठगी की ट्रेनिंग झारखंड के जामताड़ा में ली थी।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि मार्च 2021 में देहरादून निवासी गोपाल कृष्ण शर्मा ने साइबर ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में गोपाल ने बताया था कि उन्हें किसी व्यक्ति ने फोन कर उनका बीएसएनएल का मोबाइल नंबर ब्लॉक होने की जानकारी दी। इसके बाद शातिर ने मोबाइल नंबर चालू करने का झांसा देकर गोपाल से उनके मोबाइल पर क्विक सपोर्ट नाम की एप डाउनलोड कराई। यह एप डाउनलोड करने के कुछ देर बाद गोपाल के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के खाते से नौ लाख रुपये, पंजाब नेशनल बैंक के खाते से तीन लाख रुपये, आइसीआइसीआइ बैंक के खाते से साढ़े तीन लाख रुपये और एक्सिस बैंक के खाते से एक लाख रुपये निकल गए।
जांच में सामने आया कि गोपाल के बैंक खातों से रुपये अरविंद राज पुरोहित और धीरज पंचारिया दोनों निवासी नोखा बीकानेर (राजस्थान) ने उड़ाए हैं। गुरुवार को दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि उन्होंने ठगी की रकम सामान खरीदने और पेट्रोल फिलिंग स्टेशन में इस्तेमाल की है।
फर्नीचर की दुकान में करता था काम, लॉकडाउन में बन गया साइबर ठग
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि अरविंद पहले मुंबई में एक फर्नीचर की दुकान में काम करता था। बीते वर्ष लॉकडाउन में वह अपने घर बीकानेर चला गया। वहां उसकी दोस्ती धीरज से हुई। दोनों ने जल्द अमीर बनने के लालच में झारखंड के जामताड़ा में दो साइबर ठगों से फोन के माध्यम से दोस्ती की और फिर उससे साइबर ठगी के गुर सीखे। दोनों आरोपित फोन कर विभिन्न तरीकों से व्यक्तियों को झांसे में लेते थे। इसके बाद उनसे मोबाइल पर स्क्रीन शेयरिंग एप डाउनलोड कराकर मोबाइल हैक करते और पीड़ितों के बैंक खातों की डिटेल निकालकर उनसे अलग-अलग खातों में रुपये ट्रांसफर कर लेते।
महंगे शौक हैं आरोपितों के, कई राज्यों में की धोखाधड़ी
अरविंद और धीरज के शौक काफी महंगे हैं। पूछताछ में पता चला कि अरविंद ने कुछ समय पहले ही एक लाख 30 हजार रुपये कीमत का आइफोन खरीदा था। वहीं, धीरज ने गोल्ड लोन की किस्त चुकाई। एसएसपी ने बताया कि दोनों शातिरों ने दिल्ली, तेलंगाना और कर्नाटक में भी साइबर ठगी की है। इन तीन राज्यों की पुलिस भी उन्हें तलाश रही थी। अरविंद दो साल पहले मुंबई में भी किसी मामले में जेल जा चुका है।