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देहरादून। कोरोना काल के बाद से कर्मचारियों को वेतन दे पाने में विफल और वित्तीय संकट से जूझ रहे रोडवेज को सरकार ने बजट में 126 करोड़ रुपये की ‘संजीवनी’ प्रदान की है। पिछले बजट में सरकार ने 110 करोड़ रुपये का प्रविधान किया था, जिसे इस वर्ष बढ़ाया गया है। पर्वतीय मार्गों पर संचालन से घाटे की मद में की जाने वाली मदद को सरकार ने 35 करोड़ रुपये से बढ़ाकर सीधे 60 करोड़ रुपये कर दिया है। राज्य में बस अड्डों के निर्माण के लिए 26 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। पर्वतीय मद में धनराशि बढ़ाने पर रोडवेज के कर्मचारियों ने सरकार का आभार जताया है।

चुनावी वर्ष में सरकार ने लोक-लुभावन बजट में समस्त संतुलन साधने की कोशिश की है। भले रोडवेज का करीब 250 करोड़ रुपये सालाना घाटा पूरी तरह दूर न हो पाए मगर राज्य सरकार ने घाटा आधा करने का प्रयास जरूर किया है। बसों की खरीद को लिए गए ऋण का सालाना 10 करोड़ रुपये का ब्याज सरकार चुकाती रहेगी। बीते कुछ वर्षों से रोडवेज कर्मचारियों और सरकार के बीच सबसे बड़ा विवाद सरकार द्वारा मुफ्त यात्रा की विभिन्न जनकल्याणकारी योजना की मद को लेकर था। सबसे ज्यादा विरोध के सुर पर्वतीय मार्गों पर बसों के संचालन से रोडवेज को होने वाले घाटे पर थे, मगर सरकार ने इस मद में धनराशि बढ़ा विरोध के सुर खत्म कर दिए हैं।

कर्मचारी यूनियन ने सरकार से सालाना बजट में पर्वतीय मार्गों पर संचालन के घाटे का प्रतिपूर्ति में बजट 60 करोड़ रुपये करने की मांग की थी। गुरुवार को जब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैंण में बजट प्रस्तुत किया तो सरकार ने कर्मचारियों की सुध ले मांग पूरी कर दी। न केवल कर्मचारियों की एक बड़ी मांग पूरी हुई बल्कि अब रोडवेज को पर्वतीय मार्गों पर संचालन में राहत भी मिलेगी। इस बजट में सरकार ने कर्मचारियों की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति को लेकर रोडवेज को अलग से 10 करोड़ की मदद दी है एवं प्रदेश में नए बस अड्डे बनाने व पुरानों का सुधार करने के लिए 26 करोड़ की धनराशि दी है, जिससे बस अड्डों के विस्तार और सुधार की उम्मीद जगी है।

रोडवेज के लिए बजट

मद, धनराशि

पर्वतीय घाटा, 60 करोड़

मुफ्त यात्रा योनजाएं, 20 करोड़

बस पर ऋण, 10 करोड़

स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति, 10 करोड़

अन्य बस अड्डे, 10 करोड़

हल्द्वानी आइएसबीटी, 10 करोड़

रामगनर बस अड्डा, 3 करोड़

अल्मोड़ा बस अड्डा, 2 करोड़

नरेंद्रनगर बस अड्डा, 1 करोड़

कर्मचारियों में खुशी की लहर 

बजट से पर्वतीय मार्गों पर बस संचालन बढऩे की उम्मीद जगी है। इससे कर्मचारी भी संतुष्ट नजर आ रहे। उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के प्रदेश महामंत्री अशोक कुमार चौधरी ने पर्वतीय घाटा मदद के लिए मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री, मुख्य सचिव एवं परिवहन सचिव व रोडवेज प्रबंध निदेशक को धन्यवाद दिया है। चौधरी ने कहा कि सरकार को अब रोडवेज की परिसंपत्ति के मामले भी सुलझाने चाहिए।

यदि परिसंपत्ति के बंटवारे में उत्तर प्रदेश से धनराशि मिलती है तो रोडवेज का पूरा घाटा दूर हो जाएगा। रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री दिनेश पंत ने पर्वतीय मार्गों पर दी गई मदद को रोडवेज के लिए संजीवनी बताया। इस दौरान परिषद के प्रवक्ता विपिन बिजल्वाण ने कहा कि परिषद पर्वतीय घाटे की मद में राशि बढ़ाने की मांग कर रही थी। सरकार ने मांग पूरी कर दी।