ज्वालामुखी। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सेे शिमला में उनके आवास ओक ओवर में रि. जरनल सतीश कुमार ने मुलाकात की। रि. जनरल सतीश कुमार ने मुख्यमंत्री के ध्यान में लाया कि हिमाचल के समस्त शक्तिपीठ जो कि सरकार ने अधिग्रहण 1987 से किया है। इतनी सरकारें आई और गई लेकिन आज दिन तक इन शक्तिपीठों में विश्व स्तरीय सुविधाऐं देश विदेश से आने वाले सालाना लाखों लोगों को मुहैया नही हो पाई।
मौजूदा वक्त में भी यह शक्तिपीठ पुराने ही नजर आ रहे हैं जबकि डेवेल्प सिटी कहां से कहां तक पंहुच गई हैं जैसे चंडीगढ़ इसलिए इन शक्तिपीठों ज्वालामुखी, कांगड़ा, ब्रजेश्वरी, चामुंडा, नयना देवी के लिए विशेष रुप से एक मास्टर प्लान सिटी ब्यूटीफुल बनाने के उदेश्य से बनाया जाए इन शक्तिपीठों के धन को इसी क्षेत्र के विकास में लगाकर उसे धरातल पर कार्यान्वित किया जाए। यह कार्य आपके कार्यकाल में पूरा हो गया तो शक्तिपीठों के विकास का स्वर्णिंमकाल होगा।
उन्होने कहा कि हिमाचल में पहले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर हैं जो कि हिमाचल एक दृष्टिकोण लेकर चलें हैं शिखर की ओर हिमाचल जिनता दर्द जनता का मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर महसूस करते हैं शायद ही किसी ने किया होगा। वहीं रि. जनरल सतीश कुमार ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को विभिन्न बिंदुओं पर प्रकाश डालते हुए एक पत्र भी सौंपा। और जिलाधीश कांगड़ा राकेश कुमार प्रजापति के कुशल प्रशासकीय प्रणाली की सराहना करते हुए कहा कि वह धरातल पर हर समस्या का समाधान त्वरित करते हैं जिससे जनता की समस्याओं को निवारण तत्काल हो पाता है।
उन्होने कहा कि पिछले 10 वषों से ज्वालामुखी शक्तिपीठ क्षेत्र में रह रहे हैं लेकिन विकास के मामले में यह क्षेत्र आज भी अछूता है क्योंकि नगर परिषद ज्वालामुखी अपना कार्य सही नही कर रही है। जिसका परिणाम है कि शहर के सात बार्डों की गलीयों के रास्ते टूटे हुए हैं। अधिकारी मस्त है जनता त्रस्त है। इसके अलावा खौला क्षेत्र में आम रास्ते को लोगों ने स्कूली बच्चों व उनके अभिभावकों के आने जाने के लिए बंद कर रखा है। इस रास्ते को भी खुलवाऐं।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने रि. जनरल सतीश कुमार के सुझावों पर उन्हे आश्वस्त किया कि जल्द ही वह गंभीरतापूर्वक समस्त बिंदुओं पर गौर करेगें।