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देहरादून। जलप्रलय के बाद ऋषिगंगा नदी पर मलबे के चलते बनी झील में तीन और धाराएं सेटेलाइट चित्रों के माध्यम से देखी गई हैं। एक धारा पहले ही झील में बन गई थी और सभी से धीरे-धीरे पानी का रिसाव भी हो रहा है। मंगलवार को शासन में हुई बैठक में निर्णय लिया गया था कि एक विशेषज्ञ दल बुधवार सुबह झील के धरातलीय निरीक्षण के लिए रवाना होगा। हालांकि, झील के आसपास हेलीपैड न होने के चलते दल रवाना नहीं हो पाया।

आइटीबीपी ने ट्वीट के माध्यम से जानकारी दी है कि उनका दल ऋषिगंगा नदी पर मुरेंडा के पास बनी झील तक पहुंच गया है। दल के सदस्यों ने झील का निरीक्षण किया और उसके बाद झील से करीब तीन किलोमीटर पहले पैंगांव के पास अस्थायी हेलीपैड बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। गुरुवार सुबह तक हेलीपैड तैयार कर दिया जाएगा। इसके बाद उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (यूसैक) निदेशक डॉ. एमपीएस बिष्ट समेत एनआइम, एसडीआरएफ आदि के प्रतिनिधि झील के निरीक्षण को देहरादून से रवाना हो जाएंगे। वहीं, तपोवन क्षेत्र में ही मौजूद डीआरडीओ के टेरेन रिसर्च लैबोरेटरी व स्नो एंड एवलांच इस्टेबिल्शमेंट के विज्ञानी भी झील स्थल के लिए रवाना हो चुके हैं, जो गुरुवार सुबह तक पहुंच जाएंगे। विशेषज्ञ दल झील में बनी धाराओं का अवलोकन करेगा। जिसके बाद धाराओं को और चौड़ा करने का निर्णय किया जा सकता है।