हरिद्वार। कुंभ के लिए धर्मनगरी हरिद्वार को कई तरह से सजाया और संवारा जा रहा है। एक और यहां पर एलईडी और प्रसाद लाइट के जरिए पुलों पर रंगीन रोशनी की जा रही है, वहीं दूसरी तरफ चौराहों और गंगा घाटों को विभिन्न कलाकृतियों और चित्रों के माध्यम से सजीव किया जा रहा है। कोशिश है कि हरिद्वार आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु को अध्यात्म का अलौकिक एहसास हो। पूरे कुंभ मेला क्षेत्र में धर्म और संस्कृति की गंगा बहे और चारों और सनातन हिंदू संस्कृति के शिखर पर्व महाकुंभ का डंका बजे। इसे लेकर कहीं राम पथ का निर्माण हो रहा है, तो कहीं आस्था पथ का। कहीं धर्म अध्यात्म की गंगा बहायी जा रही है तो कहीं तो कहीं म्यूरल के माध्यम से गंगा अवतरण की कहानी बयां की जा रही है। आइए चित्रों के माध्यम से देखते हैं कि हरिद्वार में कुंभ को लेकर क्या कुछ हो रहा है।
हरिद्वार कुंभ मेला अधिष्ठान भवन
कुंभ मेला क्षेत्र के प्रमुख भवनों की दीवारों पर सनातन हिंदू धर्म परंपरा को प्रदर्शित करते उकेरे जा रहे हैं चित्र।
रंगीन रोशनी से नहाया राज्य अतिथि गृह डाम कोठी।
चंडी घाट पर गंगा किनारे आकार ले रहा आस्था पथ।
निरंजनी अखाड़ा तुलसी चौक पर म्यूरल के माध्यम से प्रदर्शित शिव की महिमा।
श्रद्धालुओं को हरिद्वार कुंभ का ईश्वरीय निमंत्रण देता बोर्ड।