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ऋषिकेश। देश में बढ़ते पेट्रोलियम पदार्थों के मूल्यों के साथ बढ़ती महंगाई के विरोध में कांग्रेस ने चंद्रभागा पुल के निकट केंद्र और राज्य सरकार का पुतला फूंक कर अपना विरोध प्रकट किया। गुरुवार को चंद्रभागा पुल के निकट कांग्रेस के आमंत्रित प्रदेश सदस्य जयपाल जाटव के नेतृत्व में कार्यकर्त्ताओं ने बढ़ती महंगाई के साथ पेट्रोलियम पदार्थों में भारी मूल्य वृद्धि के खिलाफ नाराजगी व्यक्त करते हुए केंद्र व राज्य सरकार का पुतला दहन किया।

जयपाल जाटव ने कहा कि बढ़ती महंगाई से आमजन का जीना दूभर हो गया है। यहां तक कि पेट्रोलियम पदार्थों की मूल्य वृद्धि के कारण रसोई का भी बजट बिगड़ गया है। जिसके कारण आमजन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार के विरोध में आ गया है। उनका कहना था कि यदि इसी प्रकार महंगाई बढ़ती रही तो देश की जनता केंद्र और राज्य से सरकार को उखाड़ फेंकेगी। उन्होंने महंगाई पर नियंत्रण किए जाने के लिए पेट्रोलियम पदार्थों के मूल्यों को वापस लिए जाने की मांग भी की। पुतला दहन करने वालों में अशोक विश्वकर्मा, अखिलेश राजभर, कुमकुम साहनी, रमेश राम, शकल सहानी, भीम साहनी, संतोष कश्यप, मनसा देवी, पूनम देवी, कुसुम देवी, सीमा राजभर, अवधेश राजभर, टिंकू राजभर, मुन्ना शाह सहित अन्य लोग भी उपस्थित थे।

तीन साल से नहीं बढ़ाया गन्ना मूल्य

उत्तराखंड क्रांति दल नेता शिव प्रसाद सेमवाल ने गन्ना मूल्य नहीं बढ़ाए जाने पर सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया। उन्होंने कहा कि तीन सालों से लगातार गन्ने का मूल्य नही बढ़ाए जाने से किसानों में आक्रोश व्याप्त है। डोईवाला में उक्रांद कार्यकर्ताओं की बैठक में सेमवाल ने कहा कि विगत तीन सालों में पेट्रोल, डीजल आदि आदि के दामों में मूल्य वृद्धि होने से किसानों के लिए खेती आज महंगी होती जा रही है। लेकिन उनकी उपज के दाम नहीं बढ़ाए जा रहे हैं जिससे उनको आर्थिक संकट से जूझना पड़ता है। उक्रांद नेता वीरेंद्र थापा ने कहा कि सरकार गन्ने की सीरे से शराब बना रही है और उससे मोटा पैसा कमा रही है। लेकिन किसान को समय से उसके गन्ने का भुगतान तक नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गन्ना मूल्य 350 रुपये प्रति क्विंटल किए जाने की मांग की थी। लेकिन सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया। बैठक में जेएस गुसाईं, प्रमोद डोभाल आदि उपस्थित थे।