चंडीगढ़। फसल खरीद की सीधी अदायगी किसानों के खाते में डालने के मामले में केंद्र सरकार ने पंजाब सरकार को स्पष्ट कर दिया है कि अगर इस साल से ऐसा न किया गया तो केंद्र सरकार पंजाब से गेहूं की खरीद नहीं करेगी। केंद्र ने पंजाब को यह झटका उस समय दिया जब शनिवार (10 अप्रैल) से पंजाब में गेहूं की खरीद शुरू होनी है।
केंद्र के इस रुख पर पंजाब के वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने कहा कि केंद्र के कड़े रुख के बाद अब हमारे पास सीधी अदायगी करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है। उन्होंने बताया कि आज शुक्रवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह इस संदर्भ में आढ़ती एसोसिएशन के साथ बैठक करेंगे। आढ़तियों को मनाने का प्रयास किया जाएगा कि वह हड़ताल न करें।
पंजाब के वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने दैनिक जागरण से बातचीत करते हुए इसकी पुष्टि की। मनप्रीत ने कहा कि जब केंद्रीय मंत्री को एपीएमसी एक्ट में सीधी अदायगी का प्रविधान न होने की जानकारी दी गई तो उन्होंने पंजाब सरकार को अपने एक्ट में बदलाव करने की सलाह दी। इसके साथ ही कहा कि जब अन्य राज्यों में सीधी अदायगी हो रही है तो पंजाब ऐसा क्यों नहीं कर सकता।
मनप्रीत ने कहा कि पांच विभिन्न मुद्दों को लेकर हुई इस बैठक में सीधी अदायगी के मुद्दे को छोड़कर शेष सभी मांगें केंद्रीय मंत्री ने मान ली हैं। फसल खरीद के साथ जमीन रिकार्ड का ब्यौरा देने की शर्त को छह महीने के लिए टाल दिया है। अभी यह तय नहीं हो रहा था ठेके पर जमीन लेकर कृषि कर रहे किसानों को भुगतान कैसे किया जाएगा। गोयल ने कहा कि इसके लिए बाकायदा सिस्टम तैयार किया जाए।
जल्द उठेगा अनाज, आढ़तियों के जारी होंगे 200 करोड़ रुपये
पंजाब के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशु ने 2019 से पंजाब में पड़े अनाज के कारण खरीद एजेंसियों को हो रहे नुकसान और एफसीआइ की ओर 1600 करोड़ रुपये की अदायगी रोकने का मुद्दा उठाया। जिसमें आढ़तियों का 200 करोड़ रुपये कमीशन भी शामिल है। इसे लेकर पीयूष गोयल ने कहा कि केंद्र ने अनाज उठाने की जो योजना तैयार की है उसके तहत पंजाब से अनाज उठाने को प्राथमिकता दी है। इसका असर जल्द दिखाई देगा। गोयल ने एफसीआइ की ओर से रोकी गई राशि की डिटेल भेजने की को कहा और आश्वासन दिया कि आढ़तियों के 200 करोड़ रुपये जल्द जारी करवा दिए जाएंगे।
आरडीएफ मामले पर फिर मांगा जवाब
धान खरीद सीजन में पंजाब के रुरल डेवलपमेंट फंड (आरडीएफ) को रोके जाने के मुद्दे पर पीयूष गोयल ने कहा कि वह पंजाब सरकार की ओर से भेजे गए जवाब से संतुष्ट नहीं है। जब मनप्रीत बादल ने बताया कि यह राज्य का स्टेचुरी टैक्स है और वहीं खर्च हुआ है जहां खर्च करने का प्रविधान है तो केंद्रीय मंत्री ने दोबारा जवाब भेजने को कहा है।