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हिमाचल प्रदेश की पहचान एवं बहुमुल्य संपति वन एवं प्राकृतिक संपदा: बिक्रम ठाकुर

धर्मशाला। वन एवं प्राकृतिक संपदा हिमाचल प्रदेश की पहचान एवं बहुमुल्य संपति है, अतः इसका संरक्षण एवं संवर्धन हर हिमाचलवासी की जिम्मेदारी है। उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर सदवां में नेचर पार्क व चलां में वन रक्षक कुटीर के शिलान्यास के अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हिमाचल के वन, प्रकृति एवं वन्य जीव न केवल भारत में अपितु विश्व में हिमाचल को एक विशेष स्थान दिलाते हैं। उन्होंने कहा कि यहां की प्राकृतिक संपदा के कारण ही लाखों पर्यटक हर वर्ष हिमाचल में आते हैं और हिमाचल वासियों को जीवन यापन के लिए रोजगार के अनेक साधन उपलब्ध कराते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के कुल भौगोलिक क्षेत्र का लगभग 67 प्रतिशत क्षेत्र वन के अंतर्गत आता है। उन्होंने कहा कि वनों एवं प्रकृति के संवर्धन एवं संरक्षण से ही हिमाचल आय के अच्छे साधन अर्जित कर सकता है। उन्होंने कहा कि इसी कड़ी में प्रदेश सरकार द्वारा वनों के संरक्षण और ईको टूरिजम को बढ़ावा देने के लिए अनेकों योजनाएं प्रारंभ की गई हैं। उन्होंने कहा कि सदवां में बनने वाले नेचर पार्क पर लगभग 25 लाख के करीब व्यय होगा। उन्होंने कहा कि इसे हर आयु वर्ग के लोगों को ध्यान में रखकर बनाया जाएगा। अतः बच्चों के खेलने के लिए, वृद्धों के आराम के लिए एवं युवाओं के व्यायाम के लिए व्यवस्थाएं की जाएंगी। उन्होंने कहा कि इस नेचर पार्क का उद्देश्य लोगों को प्रकृति के ओर पास लाना और प्रकृति से लगाव को बढ़ाना है, जिससे वन संरक्षण एवं संवर्धन के लिए स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित हो।

इसके बाद उद्योग मंत्री ने चलां वन क्षेत्र में वन-रक्षक कुटीर का शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि चलां क्षेत्र घने वनों से भरा पड़ा है और हमारी बहुमुल्य वन संपदा इस क्षेत्र में है। उन्होंने कहा कि इस वन क्षेत्र की करीबी से निगरानी हेतु यहां वन-रक्षक कुटीर बनाना अति आवश्यक है। उन्होंने बताया कि लगभग 10 लाख की लागत से बनने वाला यह कुटीर वन-रक्षकों को वनों के समीप आवासीय व्यवस्था सुनिश्चित कराएगा, जिससे वह वनों को ध्यान हर पल रख सकेंगे।
तत्पश्चात प्रदेश सरकार द्वारा श्रीनिवास रामानुजन स्टुडेंट डिजिटल योजना के अन्तर्गत बिक्रम ठाकुर ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला डाडासीबा में जस्वां परागपुर एवं देहरा विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न स्कूलों के मेधावी छात्रों को लैपटॉप वितरित किए।
उन्होंने बताया कि लगभग 29 लाख रुपए की लागत से डाडासीबा में विद्यार्थियों को यह लैपटॉप वितरित किए जा रहे है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश भर में 2017-18 सत्र के दसवीं व जमा दो के 8800 व महाविद्यालयों के 900 मेधावी छात्रों को 29 करोड़ 10 लाख रूपये व्यय करके लैपटॉप दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्मार्ट कक्षाओं के माध्यम से 2137 विद्यालयों में इन्फार्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी (आईसीटी) प्रयोगशालाएं आरम्भ की गईं हैं। 1800 अन्य स्कूलों में स्मार्ट कक्षाएं आरम्भ करने को स्वीकृति प्रदान की गई है। 873 स्कूलों में व्यवसायिक शिक्षा दी जा रही है। हिमाचल विद्यालय स्तर पर व्यवसायिक शिक्षा प्रदान करने वाला देशभर में दूसरा राज्य है।
इस अवसर पर उद्योग मंत्री ने लगभग 100 मेधावी छात्र-छात्राओं को लैपटॉप वितरित किये। उद्योग मंत्री ने बच्चों को आने वाली परीक्षाओं के लिए शुभकामनाएं दीं और उज्जवल भविष्य की कामना की। इसके उपरांत उद्योग मंत्री ने डाडासीबा में शिवशक्ति सामुदायिक भवन का शिलान्यास भी किया।
इसके उपरान्त उद्योग मंत्री ने लोगों की समस्याओं को भी सुना और अधिकांश का मौके पर निपटारा करते हुए शेष को शीघ्र हल करने के आदेश सम्बंधित विभागों को दिए।

इस अवसर पर पूर्व विधायक परागपुर नवीन धीमान, एसडीएम देहरा धनबीर ठाकुर, डीएफओ आर.के डोगरा, अधिशासी अभियंता जल शक्ति विभाग संदीप चौधरी, अधिशासी अभियंता विद्युत विभाग एएस राणा, जिलाध्यक्ष संजीव शर्मा, मंडलाध्यक्ष विनोद शर्मा, एसीएफ मदन लाल शर्मा, आरओ पवन कुमार, रुपिंदर डैनी, अरुना डोगरा, सुदेश, विरेंदर, उपनिदेशक उच्च शिक्षा गुरदेव, प्रधानाचार्य पवन शर्मा, संजीव शर्मा, कुलविंदर पठानिया, बच्चों के अभिवावक, मेधावी छात्र छात्राएं व स्थानीय लोग उपस्थित रहे।