img

[object Promise]

संगठित अपराध के खात्मे के लिए पंजाब-हरियाणा और चंडीगढ़ ने हाथ मिलाया है। संगठित अपराध में शामिल गिरोहों पर शिकंजा कसने के लिए गुरुवार को दोनों राज्यों व केंद्र शासित प्रदेश के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की संयुक्त बैठक पंचकूला में हुई। बैठक की अध्यक्षता संयुक्त रूप से हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव और पंजाब के डीजीपी दिनकर गुप्ता ने की।

बैठक में विभिन्न मुद्दों और चुनौतियों पर चर्चा की गई। अंतरराज्यीय आपराधिक गिरोहों की जानकारी भी आपस में साझा की गई। बैठक में शामिल पुलिस अधिकारियों ने संगठित अपराध पर अंकुश लगाने के लिए कई बिंदुओं पर चर्चा की। जिसमें प्रभावी समन्वय, सामान्य डेटाबेस बनाने और सूचनाओं को वास्तविक समय पर साझा करने के लिए संस्थागत तंत्र बनाने पर जोर दिया गया।

बैठक में पुलिस महानिदेशक अपराध हरियाणा मोहम्मद अकील, एडीजीपी (कानून एवं व्यवस्था) हरियाणा नवदीप सिंह विर्क, आईजीपी एसटीएफ हरियाणा अमिताभ ढिल्लों, सीपी पंचकूला सौरभ सिंह, डीआईजी एसटीएफ हरियाणा सतीश बालन, एडीजीपी (आंतरिक सुरक्षा, पंजाब) आरएन ढोके, डीआईजी चंडीगढ़ ओमवीर सिंह, एसएसपी चंडीगढ़ कुलदीप सिंह चहल, डीसीपी पंचकूला मोहित हांडा शामिल रहे।

बेहतर समन्वय से कसेगा शिंकजा : यादव

हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव ने कहा कि समन्वय बैठकों से अंतरराज्यीय बदमाशों की आपराधिक गतिविधियों पर नजर रखने, संगठित अपराध का पता लगाने सहित वास्तविक समय में महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी। उन्होंने अंतरराज्यीय अपराध को रोकने और पता लगाने के लिए सभी स्तर पर पुलिस अधिकारियों के टेलीफोन नंबर साझा करने का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि खूंखार अपराधियों और गैंगस्टर का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग और विदेश में उनके ठिकानों को नाकाम करना एक चुनौती है।

अपराधियों को तुरंत पकड़ने के लिए बनानी होगी संयुक्त प्रणाली : दिनकर

पंजाब के डीजीपी दिनकर गुप्ता ने अंतरराज्यीय बैठक आयोजित करने के लिए डीजीपी हरियाणा का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि संगठित अपराध से जुड़े अपराधियों को तुरंत पकड़ने के लिए हमें मिलकर सिस्टम बनाना चाहिए। इस दिशा में कार्रवाई के लिए कई संभावित क्षेत्र हैं। वास्तविक समय में जानकारी साझा करने के लिए संयुक्त रणनीति बनानी होगी। इससे दोनों राज्यों सहित चंडीगढ़ पुलिस के साथ समन्वय बढ़ाने में बल मिलेगा। इस रणनीति के आधार पर एक कार्ययोजना तैयार की जाएगी। उसमें इन प्राथमिकताओं को प्राप्त करने के लिए ठोस उपाय होंगे।