हल्द्वानी : हल्द्वानी के मानपुर उत्तर क्षेत्र में रहने वाली किशोरी से दुष्कर्म के मामले में विशेष न्यायाधीश पाक्सो अर्चना सागर ने जीजा को दोषी ठहराते हुए 10 साल कैद और 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। पीडि़ता को निर्भया फंड से एक लाख रुपये का प्रतिकर दिलाने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को भी पत्र लिखा गया है।
शासकीय अधिवक्ता नवीन जोशी ने बताया कि मानपुर उत्तर क्षेत्र में रहने वाली एक महिला ने 23 जून 2018 को हल्द्वानी कोतवाली में दामाद के विरुद्ध शिकायती पत्र दिया था। महिला का कहना था कि 27 मई 2018 को मुरादाबाद में रहने वाला दामाद घर पर आया था। घरवालों की गैर मौजूदगी में दामाद ने उसकी 12 साल की नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म किया। इसके साथ ही किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी।
घटना के बाद से किशोरी गुमसुम रहने लगी। 23 जून को भाभी के घर आने पर किशोरी ने आपबीती बताई। इसके बाद पीडि़ता की मां तक मामला पहुंचा। पुलिस ने आरोपित दामाद के विरुद्ध धारा 376, 506 व 5एन/6 पाक्सो अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया। कुछ दिन बाद आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से आठ गवाह न्यायालय में पेश किए गए। गुरुवार को कोर्ट ने अपना आदेश सुनाते हुए जीजा को नाबालिग साली से दुष्कर्म का दोषी ठहरया और धारा 5एन/6 पाक्सो अधिनियम में 10 साल कैद व 20 हजार अर्थदंड, धारा 506 में तीन साल कैद व पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।