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ऑटोवालों से लेकर सफाईकर्मचारियों तक: केजरीवाल की राजनीति का अनोखा समीकरण

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की राजनीतिक यात्रा, आम आदमी पार्टी (AAP) की स्थापना से लेकर आज तक के सफ़र पर एक नज़र डालें। कैसे एक साधारण व्यक्ति से, कैसे बने वो दिल्ली के जन-नायक और कैसे ऑटोवालों से लेकर सफाईकर्मचारियों तक उनके जीवन में अहम भूमिका है. क्या आपको पता है कैसे दिल्ली के ऑटोवालों ने केजरीवाल की सफलता में अहम भूमिका निभाई? ये सफ़र उतार-चढ़ाव से भरा है, जिसमें थप्पड़ों से लेकर प्रशंसा तक सब कुछ शामिल है. जानने के लिए पढ़ें ये रोमांचक लेख!

ऑटो-चुनाव प्रचार का अनोखा माध्यम

आपने सुना होगा कि आम आदमी पार्टी के शुरुआती दिनों में, दिल्ली के ऑटो-रिस्तेदार पार्टी के सबसे बड़े प्रचारक बने। चुनावों के दौरान ऑटो-रिक्शा पर लगे पार्टी के पोस्टर लोगों में AAP के प्रति जागरूकता बढ़ाने में मददगार साबित हुए. लेकिन क्या आपको मालूम है कि केजरीवाल को एक ऑटो-चालक ने थप्पड़ भी जड़ दिया था?

केजरीवाल और उनके आलोचक: दोस्ती और दुश्मनी

राजनीति में, प्रशंसा और आलोचना दोनों ही साथ चलते हैं. एक तरफ जहां केजरीवाल की नेतृत्व क्षमता और सादगी को सराहा जाता है, वहीँ उनकी आलोचनाएं भी कम नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर कई बार निशाना साधने वाले केजरीवाल का मानना है कि उन्हें सत्ता से बेदखल करने की कई साजिशें हुई. लेकिन, आम आदमी पार्टी ने अबतक अपनी जड़े मजबूती से जमा रखी हैं।

आम आदमी पार्टी का स्थापना दिवस और भगवान का चमत्कार?

केजरीवाल ने एक बार यह भी कहा कि AAP का गठन संविधान दिवस के दिन हुआ, जो एक बड़ा संयोग है. उन्होंने कहा कि यह ईश्वरीय इच्छा सा लगता है, मानो खुद भगवान ने AAP को संविधान की रक्षा करने के लिए बनाया हो. बीजेपी के खिलाफ़ उनके तंज भी बेहद कड़वे और चोट करने वाले थे. उन्होंने अमित शाह और पीएम मोदी के ऊपर बार-बार AAP के प्रति दुर्भावनापूर्ण कार्यों के आरोप लगाये हैं

सफाईकर्मियों का सम्मान और बीजेपी पर कटाक्ष

केजरीवाल ने अपने विधायकों को एक अनोखा काम सौंपा: दिल्ली के सफाई कर्मचारियों से मिलना और उनका सम्मान करना. वे कहते हैं कि यह अभियान उनके अपने घर से शुरू होगा। उन्होंने यह भी कहा की वे गरीब और वंचित लोगों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं, और बीजेपी के उन नेताओं की आलोचना करते है जो सिर्फ़ दिखावा करते है और असल में गरीबो को अहमियत नहीं देते

झुग्गीवासियों के लिए चेतावनी

केजरीवाल ने दिल्ली के झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लोगों को बीजेपी से सावधान रहने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि बीजेपी नेता वोट के समय दिखावे के लिए झुग्गी-बस्तियों में जा रहे हैं, पर बाद में ये ही नेता बुलडोजर लेकर वहाँ पहुंचेंगे. उन्होंने अपने अपने पूर्व जीवन का जिक्र किया और कैसे उन्होंने 10 साल झुग्गी में बिताए हैं।

दिल्ली और दिल्ली के लोगों की फिक्र

जेल में रहते हुए भी केजरीवाल का ध्यान दिल्लीवासियों पर बना रहा, इस बात पर उनका ज़ोर दिया गया। वे बताते हैं कि चुनाव जीतने की चिंता कम और दिल्ली के लोगों ख़ासकर स्कूली बच्चों की भलाई की ज़्यादा चिंता है। वे दावा करते हैं कि वे सिर्फ़ सत्ता के लिए नहीं बल्कि दिल्ली के ग़रीब और कमज़ोर लोगों की सेवा के लिए राजनीति में हैं.

Take Away Points

  • केजरीवाल की राजनीति का ज़मीनी स्तर से गहरा नाता रहा है, चाहे वो ऑटो वाले हों या सफाई कर्मचारी.
  • आम आदमी पार्टी ने अपने उतार-चढ़ावों से सीखते हुए लगातार अपनी पहचान मज़बूत की है.
  • बीजेपी पर आरोप लगाते हुए केजरीवाल हमेशा ग़रीबों और कमज़ोर वर्गों का हवाला देते है।
  • केजरीवाल का फोकस दिल्ली के विकास पर है ख़ासकर ग़रीबों की बेहतरी पर.
  • केजरीवाल का ये सफ़र एक बेहतरीन केस स्टडी है कि कैसे साधारण आदमी अपनी मेहनत और जनता से जुड़ कर राजनीति में मुक़ाम पा सकता है।