बहराइच हिंसा: क्या ये एनकाउंटर थे या फिर हत्याएं? अखिलेश यादव का सवाल!
उत्तर प्रदेश के बहराइच में हुए विवाद और उसके बाद हुई हिंसा ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। 13 अक्टूबर की शाम को हुए इस घटनाक्रम में एक युवक की मौत हो गई और इसके बाद पुलिस ने कई आरोपियों को गिरफ्तार किया। लेकिन सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटना पर सवाल उठाते हुए कहा है कि ये एनकाउंटर नहीं, बल्कि हत्याएं हैं। आइये जानते हैं पूरा मामला।
बहराइच में क्या हुआ?
बहराइच के हरदी थाना क्षेत्र के महराजगंज बाजार में विसर्जन जुलूस के दौरान मामूली कहासुनी के बाद एक विवाद हुआ जिसमें दुर्गा प्रतिमा पर पथराव और धार्मिक झंडा उतारने की घटना हुई। इसी विवाद में गोली चलने से एक युवक, रामगोपाल मिश्रा की मौत हो गई। इस मामले में पुलिस ने पांच मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया। जिनमें से सरफराज और तालीम नाम के दो आरोपियों को पुलिस मुठभेड़ में पैर में गोली लगी।
अखिलेश यादव का आरोप: एनकाउंटर नहीं, हत्या है!
इस घटना के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पुलिस पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि ये कोई एनकाउंटर नहीं बल्कि हत्या है और ये पूरी जनता देख रही है। अखिलेश यादव ने ये भी कहा कि बीजेपी सरकार में पुलिस द्वारा किए जाने वाले एनकाउंटर फेक होते हैं और जांच के बाद कोई भी पुलिसकर्मी उनके साथ नहीं खड़ा होता। उन्होंने ये भी बताया कि कितने पुलिसवाले फेक एनकाउंटर के मामलों में जेल गए हैं।
बहराइच हिंसा: राजनीति का रंग
यह मामला अब राजनीति का रंग लेता हुआ दिखाई दे रहा है। विपक्षी पार्टियों ने घटना पर सवाल उठाते हुए सरकार पर निशाना साधा है और पुलिस की कार्यवाही पर सवाल खड़े किए हैं। इस पूरे घटनाक्रम में सवाल उठता है कि क्या ये एनकाउंटर थे या फिर जानबूझकर की गई हत्याएं? क्या इस पूरे घटनाक्रम की निष्पक्ष जांच हो पाएगी या फिर यह सिर्फ राजनीति तक सीमित रहेगा? जनता चाहती है कि इस मामले में सच सामने आये और दोषी लोगों को सज़ा मिले।
आगे क्या होगा?
यह मामला अब कोर्ट में चल रहा है। आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। साथ ही, इस हिंसा की जांच भी की जा रही है। इस मामले के आगे क्या होगा, यह आने वाले समय में ही पता चलेगा। लेकिन जनता की नज़रें इस घटनाक्रम पर बनी हुई हैं और वे चाहती हैं कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को उचित सज़ा मिले।
टेकअवे पॉइंट्स
- बहराइच में विसर्जन जुलूस के दौरान हुई हिंसा में एक युवक की मौत हो गई।
- पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ़्तार किया।
- अखिलेश यादव ने इस घटना को लेकर सवाल उठाए हैं और इसे हत्या बताया है।
- इस मामले को लेकर राजनीतिक बहस तेज हो गई है।
- जनता इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग कर रही है।