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सर्वाइकल का इलाज बन गया धर्म परिवर्तन का बंधक!

उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जहाँ एक युवक का सर्वाइकल का इलाज कराने की चाहत, धर्म परिवर्तन की जाल में फँस गई. क्या सच में कोई इतना बेरहम हो सकता है कि किसी मासूम की बीमारी का फायदा उठाकर उसका धर्म परिवर्तन कर दे? आइये जानते हैं इस सनसनीखेज मामले की पूरी कहानी.

धोखा और धर्म परिवर्तन: एक युवक की आपबीती

वीरेंद्र कुमार दिवाकर, जाफरपुर महावां के रहने वाले हैं. कई सालों से सर्वाइकल की समस्या से जूझ रहे वीरेंद्र का इलाज चल रहा था. इसी दौरान उनकी मुलाक़ात मंझनपुर के शंकरलाल चौरसिया से हुई. शंकरलाल ने वीरेंद्र को झाड़-फूंक से बीमारी ठीक करने का झांसा दिया और उसे अपने जाल में फँसा लिया. ये झांसा इतना मजबूत था कि वीरेंद्र उसके चंगुल में फँस गया और उसकी जिंदगी का एक स्याह अध्याय शुरू हो गया। क्या आपको लगता है कि आधुनिक चिकित्सा के इस दौर में भी ऐसे लोग हैं जो झाड़-फूंक के नाम पर लोगों को धोखा देते हैं?

जालंधर की यात्रा और धर्म परिवर्तन का षड्यंत्र

मई 2024 में शंकरलाल वीरेंद्र को जालंधर ले गया. लेकिन वहाँ उसे किसी अस्पताल नहीं, बल्कि खांबड़ा नकोदर रोड स्थित एक चर्च ले जाया गया जहाँ उसे जबरदस्ती ईसाई धर्म में परिवर्तित कर दिया गया. इस पूरे षड्यंत्र में कई ईसाई धर्मावलंबी शामिल थे. वीरेंद्र पर न सिर्फ़ धर्म परिवर्तन का दबाव डाला गया बल्कि उसके साथ मारपीट और गाली-गलौज भी की गई. ये घटना एक युवक की न केवल बीमारी से, बल्कि उसकी धार्मिक स्वतंत्रता से भी खिलवाड़ करती है. क्या आप इस क्रूरता को बर्दाश्त कर सकते हैं?

पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारी

वीरेंद्र की तहरीर पर पुलिस ने शंकरलाल चौरसिया के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है और जेल भेज दिया है. एडिशनल एसपी राजेश सिंह ने इस मामले की पुष्टि की और बताया कि आरोपी के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जा रही है. हालांकि, केवल गिरफ्तारी ही इस समस्या का समाधान नहीं है, यह घटना धार्मिक कट्टरता और धोखे का एक खतरनाक उदाहरण है. क्या यह घटना हमें सोचने पर मजबूर नहीं करती कि आखिर ऐसे लोगों से कैसे बचाव किया जाए? क्या धार्मिक रूप से संवेदनशील समाज के रूप में हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं है?

सामाजिक जिम्मेदारी और जागरूकता

यह मामला केवल एक व्यक्ति की पीड़ा नहीं दर्शाता, बल्कि समाज में मौजूद धोखे और धार्मिक कट्टरता के व्यापक मुद्दे की ओर इशारा करता है. हमें इस प्रकार के कृत्यों को रोकने के लिए जागरूकता फैलाना होगा और लोगों को अपनी आस्था के नाम पर धोखाधड़ी से सावधान रहने की सलाह देनी होगी. हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसे अपराधी दोबारा इस प्रकार का दुष्कर्म न कर सकें।

आगे का रास्ता: सुरक्षा और न्याय

वीरेंद्र के साथ जो हुआ वह निंदनीय है, लेकिन अब हमे उसे न्याय दिलाने पर ध्यान केंद्रित करना होगा. यह महज़ एक केस नहीं है, यह एक सवाल है कि क्या धार्मिक स्वतंत्रता और न्याय का भविष्य सुरक्षित है? क्या ऐसे घटनाएं फिर दोहराई जाएंगी या हमने कड़ी सुरक्षा प्रणाली बनायी है ताकि पीड़ितों को इंसाफ़ मिले? यह सुनिश्चित करने के लिए कि ऐसी घटनाएं फिर से न हों, अधिक कड़ाई से काम करने की ज़रूरत है. हमें सामुदायिक स्तर पर जागरूकता फैलाकर इस समस्या को जड़ से समाप्त करने की दिशा में काम करना चाहिए.

Take Away Points:

  • सर्वाइकल के इलाज के नाम पर धर्म परिवर्तन एक गंभीर अपराध है।
  • धार्मिक स्वतंत्रता का हनन किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।
  • पुलिस की तत्परता सराहनीय है, लेकिन इस समस्या के निदान के लिए सामाजिक जागरूकता आवश्यक है।
  • धोखेबाजों से बचने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए और तुरंत पुलिस को सूचित करना चाहिए।