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दहेज प्रताड़ना: कार की मांग पूरी न होने पर पति ने बेच दिए पत्नी के गहने

उत्तर प्रदेश के भदोही में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है जहाँ एक पति ने अपनी पत्नी को दहेज में कार न मिलने पर प्रताड़ित किया और उसके गहने बेच दिए! क्या आप यकीन कर सकते हैं? इस दिल दहला देने वाली कहानी में हम जानेंगे कैसे एक महिला की शादीशुदा ज़िंदगी बर्बाद हो गई और उसने आखिरकार न्याय के लिए आवाज उठाई।

दहेज की कार का सपना और सच्चाई का कटु सत्य

यह कहानी है चांदनी की, एक 25 वर्षीय महिला जिसकी शादी 10 साल पहले गोपीगंज के कमलेश से हुई थी। शादी के बाद से ही कमलेश की माँगें बढ़ती गईं। पहले बाइक, फिर कार – हर बात पर प्रताड़ना। शादी के बाद से ही कमलेश ने चांदनी को मानसिक और शारीरिक दोनों तरह से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। वह उसे बार-बार दहेज में कार की मांग करता था और ना मिलने पर उसकी पिटाई करता था। यह यातनाएँ सालों तक चलती रहीं और कई बार तो उसे सार्वजनिक रूप से भी पीटा जाता था। यह केवल उसकी पति की क्रूरता ही नहीं बल्कि उसके पूरे परिवार की साज़िश थी जो सालों तक चलती रही। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि दहेज की लालच में एक महिला को कैसे प्रताड़ित किया जाता रहा?

दहेज की मांग और प्रताड़ना का सिलसिला

चांदनी की ज़िंदगी एक ऐसे दलदल में फंस गई जहाँ से निकल पाना मुश्किल हो रहा था। उसकी शादी का सपना, बुरे सपने में बदल गया था। उसने अपने परिवार और रिश्तेदारों को कई बार अपनी तकलीफें बताई, लेकिन कोई भी उसकी मदद करने को तैयार नहीं था। समाज की इस मौन सहमति ने उसके पति को और अधिक हिम्मत दे दी और उस पर प्रताड़ना का सिलसिला और भी तेज हो गया। सोचिए कितना मुश्किल होता है ऐसे हालात से गुज़रना, जहाँ आपको किसी की भी उम्मीद नहीं हो।

गहने बेचकर बेइज़्ज़ती

आखिरकार, 18 जनवरी को कमलेश ने चांदनी की सभी सोने-चांदी की ज्वेलरी और अन्य कीमती सामान बेच दिए। और यह सब केवल इसलिए किया गया क्योंकि उसे कार नहीं मिली। ये क्रूरता की सरेआम मिसाल है। इसके बाद, कमलेश ने अपनी सास, ससुर, देवर, और जेठानी के साथ मिलकर चांदनी को घर से निकाल बाहर कर दिया। वह बेघर, बेसहारा और बेहद दुखी हो गई। आप सोच सकते हैं कि एक महिला की क्या मनःस्थिति होती है जब उसके पति और उसके परिवार उसे ऐसे सरेआम प्रताड़ित करते हैं?

घर से निकाल बाहर करने की घटना

यह घटना सिर्फ़ दहेज की मांग तक सीमित नहीं रह गई। यह घटना पूरे परिवार द्वारा मिलकर रची गई एक साज़िश थी। उसके पति कमलेश ने अपनी मां, पिता, भाई, और बहू से मिलकर अपनी पत्नी के गहनों को बेच दिया। घर से निकाल बाहर करना ये सिर्फ एक घटना नहीं बल्कि दहेज प्रताड़ना के कई सालों का नतीजा थी। यह बताता है कि एक महिला के जीवन के साथ कैसे बेरहमी से खेल कर उनके हक छीन लिए जाते हैं और वो न्याय के लिए दर-दर भटकती रह जाती है।

न्याय की उम्मीद

अंततः चांदनी ने हिम्मत दिखाते हुए अपने पति और ससुराल वालों के खिलाफ थाने में मामला दर्ज करवा दिया। कोइरौना क्षेत्र की पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (IPC) और दहेज प्रतिषेध अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है। ये न्याय की एक छोटी सी उम्मीद की किरण है, लेकिन क्या यह चांदनी को उसके सालों के कष्टों और बेइज़्ज़ती से बचा पाएगी, यह समय ही बताएगा।

पुलिस जाँच और आगे की कार्यवाही

पुलिस ने महिला का बयान दर्ज किया और मामले की जांच शुरू कर दी है। हालाँकि, क्या पुलिस सच में चांदनी को न्याय दिला पाएगी, या दहेज प्रथा का यह मामला भी कई मामलों की तरह अधर में ही लटक जाएगा? यह भी एक बड़ा सवाल है। इस घटना को देखते हुए यह ज़रूरी है कि समाज इस तरह के घटनाओं के प्रति जागरूक हो और ऐसे क्रूर अपराधियों को कठोर सज़ा दिलाने में सहयोग करें।

Take Away Points

  • दहेज एक सामाजिक बुराई है जिसका कोई औचित्य नहीं है।
  • दहेज प्रताड़ना के शिकार महिलाओं को आगे आकर न्याय की मांग करनी चाहिए।
  • समाज को जागरूक होने और दहेज प्रताड़ना को रोकने में सहयोग करना चाहिए।
  • पुलिस और कानून व्यवस्था को इस तरह के अपराधों पर कठोर कार्यवाही करनी चाहिए।