नेल्लोर जिले के निवासियों की लंबे समय से चली आ रही मांग, दिगाडरथि हवाई अड्डे के निर्माण कार्य, बहुत जल्द शुरू होने की संभावना है। प्रस्तावित ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के लिए आवश्यक 1,379 एकड़ भूमि में से, राज्य सरकार ने अब तक 630 एकड़ भूमि का अधिग्रहण कर लिया है। अगले सप्ताह, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के प्रतिनिधि हवाई अड्डे के स्थान का निरीक्षण करने के लिए जिले का दौरा करने वाले हैं। यह परियोजना लंबे समय से अटकी हुई है, जिससे स्थानीय लोगों में निराशा व्याप्त है। इस लेख में हम दिगाडरथि हवाई अड्डे की वर्तमान स्थिति, इसके विकास में आ रही चुनौतियों और भविष्य की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
दिगाडरथि हवाई अड्डा परियोजना: एक संक्षिप्त इतिहास
दिगाडरथि हवाई अड्डे की परियोजना तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के 2014-2019 के शासनकाल के दौरान स्वीकृत की गई थी और भूमि अधिग्रहण का कार्य भी शुरू हो गया था। एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) भी तैयार की गई थी, लेकिन काम शुरू नहीं हो सका। एससीएल-टर्बो कंसोर्टियम प्राइवेट लिमिटेड ने सितंबर 2017 में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड के तहत अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के विकास के लिए एक समझौता किया था। हालांकि, जुलाई 2020 में विभिन्न कारणों से, जिसमें परियोजना के लिए ऋणदाताओं से धन प्राप्त करने में असमर्थता और सरकार में बदलाव शामिल था, इस समझौते को समाप्त कर दिया गया था।
परियोजना में आई अड़चनें
परियोजना के शुरूआती चरण में ही कई चुनौतियां सामने आईं जिससे निर्माण कार्य में देरी हुई। धन की कमी, भूमि अधिग्रहण में देरी और सरकार के बदलने से परियोजना का काम बाधित हुआ। पीपीपी मॉडल के तहत कार्य करना भी एक बड़ा कारण रहा। ये सारी बाधाएँ हवाई अड्डे के निर्माण में बहुत बड़ी बाधा बनी हुई हैं।
सरकार का प्रयास और भविष्य की योजनाएँ
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) ने अपनी ‘एक जिला-एक हवाई अड्डा’ नीति के तहत यात्री और कार्गो विमानों को संभालने के लिए डीपीआर तैयार करने के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से निविदाएं आमंत्रित कीं। वाईएसआरसीपी सरकार ने एपी एयरपोर्ट्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा प्रस्तुत डीपीआर को मंजूरी दे दी है, लेकिन काम शुरू नहीं हुआ है। हाल ही में हुई समीक्षा बैठक में, आंध्र प्रदेश के नगर प्रशासन और शहरी विकास (एमए और यूडी) मंत्री पोंगुरु नारायण ने जिले के लिए हवाई संपर्क की आवश्यकता को रेखांकित किया और याद दिलाया कि मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने चुनाव प्रचार के दौरान दगाडरथि में एक हवाई अड्डे के निर्माण का आश्वासन दिया था।
भूमि अधिग्रहण और आगे की कार्यवाही
हवाई अड्डे के लिए अभी भी 711 एकड़ भूमि का अधिग्रहण करना बाकी है। कुछ भूमि मालिकों को मुआवजा दे दिया गया है, लेकिन भूमि का अधिग्रहण अभी तक नहीं हुआ है। भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में तेजी लाने और शेष भूमि का अधिग्रहण करने की आवश्यकता है। इसके बाद ही निर्माण कार्य शुरू हो पाएगा। एएआई के प्रतिनिधियों द्वारा स्थल निरीक्षण के बाद ही आगे की कार्यवाही तय होगी। स्थानीय अधिकारियों ने भूमि अधिग्रहण की रफ्तार बढ़ाने के लिए कई प्रयास किये हैं, परन्तु अभी तक ये प्रयास पर्याप्त साबित नहीं हो पाए हैं।
भूमि अधिग्रहण में आ रही समस्याएँ
भूमि अधिग्रहण के दौरान कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। मुआवजे की राशि को लेकर कुछ विवादों का सामना किया गया, और स्थानीय लोगों से समन्वय बनाये रखना भी एक चुनौतीपूर्ण काम था। इस प्रकार की अड़चनों के समाधान के लिए सरकारी स्तर पर सार्थक कदम उठाए जाने चाहिए।
एएआई की भूमिका
एएआई का दौरा परियोजना के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उनके निरीक्षण के बाद ही परियोजना की आगे की रूपरेखा तय की जा सकती है। एएआई का सहयोग इस परियोजना की सफलता के लिए आवश्यक है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि हवाई अड्डा निर्माण के अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हो।
दिगाडरथि हवाई अड्डे का आर्थिक महत्व
दिगाडरथि हवाई अड्डे का निर्माण नेल्लोर जिले के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा। कृष्णा पटनम बंदरगाह, रामायपट्नम बंदरगाह और जुव्वालादिनने मछली पकड़ने के बंदरगाह के साथ, नेल्लोर जिले को एक हवाई अड्डे की भी आवश्यकता है क्योंकि यह एक औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है। हवाई अड्डे के निर्माण से पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
क्षेत्रीय विकास पर प्रभाव
हवाई अड्डा क्षेत्र के विकास में एक प्रमुख भूमिका निभा सकता है। यह क्षेत्र के लोगों के लिए नए रोजगार के अवसर पैदा कर सकता है, साथ ही क्षेत्र के व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा दे सकता है। यह क्षेत्र के लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में भी मदद कर सकता है।
नेल्लोर का आर्थिक उत्थान
हवाई अड्डा नेल्लोर जिले के आर्थिक विकास को एक नई ऊंचाई पर ले जा सकता है। इससे क्षेत्र में नए उद्योगों की स्थापना होगी, और रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि होगी। यह नेल्लोर के समग्र विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा।
निष्कर्ष
दिगाडरथि हवाई अड्डा परियोजना नेल्लोर जिले के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इस परियोजना को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए, सरकार को भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को तेजी से पूरा करना होगा और एएआई के साथ मिलकर कार्य करना होगा। हवाई अड्डे के निर्माण से नेल्लोर जिले का आर्थिक विकास तेज होगा और स्थानीय लोगों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
मुख्य बिंदु:
- दिगाडरथि हवाई अड्डा नेल्लोर जिले के विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
- भूमि अधिग्रहण अभी भी अधूरा है।
- एएआई का दौरा परियोजना के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
- हवाई अड्डा क्षेत्र के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
- सरकार को परियोजना को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करने की जरुरत है।