नॉएडा पुलिस ने WhatsApp ठगी गिरोह का भंडाफोड़ किया: 26 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया!
क्या आप जानते हैं कि कैसे WhatsApp पर झूठे निवेश के वादे करके लोग लाखों रुपये की ठगी कर रहे हैं? नॉएडा पुलिस ने हाल ही में एक ऐसे ही गिरोह का पर्दाफाश किया है जिसने एक पीड़ित से 26 लाख रुपये से ज़्यादा की ठगी की. इस चौंकाने वाले मामले में, पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है और पीड़ित को कुछ पैसे वापस दिलाने में कामयाबी पाई है. क्या आप भी इस तरह के साइबर अपराधों से बचने के तरीके जानना चाहते हैं? तो इस आर्टिकल को अंत तक ज़रूर पढ़ें!
WhatsApp पर निवेश का झांसा और ठगी का खेल
यह मामला नॉएडा के थाना साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में दर्ज कराया गया था. शिकायतकर्ता ने बताया कि उसे एक WhatsApp ग्रुप में जोड़ा गया था जहाँ उच्च मुनाफ़े का वादा करके लोगों को निवेश के लिए लुभाया जा रहा था. शुरू में थोड़ा मुनाफ़ा मिलने के बाद, शिकायतकर्ता ने और अधिक पैसे निवेश किए. धीरे-धीरे, ठगों ने उसके 26 लाख 11 हजार रुपये ठग लिए. यह बहुत ही भयानक और सोची-समझी साजिश थी, जहाँ शिकार को धीरे-धीरे जाल में फँसाया गया.
आरोपियों ने कैसे किया ठगी?
पुलिस जांच के अनुसार, आरोपियों ने एक खास तरह की APK फाइल पीड़ित को भेजी थी. इस फाइल को इंस्टॉल करने पर आरोपियों के पास पीड़ित के फोन का पूरा एक्सेस मिल गया और वह उसकी बैंकिंग जानकारी तक पहुँच सके. यह दिखाता है कि साइबर अपराधी कितने चालाक तरीकों से लोगों को निशाना बनाते हैं. आपको हमेशा अज्ञात स्रोतों से आने वाली फ़ाइलों से सावधान रहना चाहिए।
गिरफ्तारी और धन की बरामदगी
पुलिस ने कुलदीप गिरी, शादाब हुसैन, साहिल, और खुशी मोहम्मद नाम के चार आरोपियों को जलवायु विहार स्टेडियम रोड से गिरफ्तार किया. पुलिस ने पीड़ित के 6 लाख 34 हजार 831 रुपये फ्रीज कराकर वापसी की प्रक्रिया शुरू कर दी है. यह एक बड़ी कामयाबी है लेकिन कई सारे ऐसे केस होते हैं जहाँ ठगे हुए पैसे वापस नहीं आ पाते. इसलिए ऐसे साइबर अपराधों से बचाव करना सबसे महत्वपूर्ण है.
साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों से कैसे बचें?
आज के डिजिटल दौर में, साइबर क्राइम के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. यह केवल WhatsApp तक ही सीमित नहीं है, बल्कि कई अन्य प्लेटफॉर्म्स पर भी ठगी के मामले देखने को मिलते हैं. इससे बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने चाहिए:
सावधान रहें अज्ञात स्रोतों से आने वाले संदेशों से
किसी भी अज्ञात नंबर या अजनबी से आने वाले संदेशों पर विश्वास न करें. यदि आपको कोई ऐसा संदेश मिले जो बहुत ही आकर्षक या असामान्य लग रहा है, तो उस पर तुरंत प्रतिक्रिया न दें और उसकी सच्चाई की जाँच करें. अपने बैंक या अन्य महत्वपूर्ण जानकारी कभी भी किसी से शेयर न करें, चाहे वह कितना भी विश्वसनीय क्यों न लगे.
हमेशा सोर्स को वेरिफाई करें
कोई भी लिंक या फाइल डाउनलोड करने से पहले उस सोर्स की पूरी तरह से जांच करें. यह सुनिश्चित करें कि यह विश्वसनीय स्रोत से आ रहा है. कभी भी बिना वेरिफिकेशन के किसी भी लिंक पर क्लिक न करें या किसी अनजान फाइल को डाउनलोड न करें, खासकर यदि वह संदिग्ध मेल या मैसेज से आ रही हो.
अपने सॉफ्टवेयर और एप्स को अपडेट रखें
यह जरूरी है कि आप अपने फोन और कंप्यूटर पर सारे सॉफ्टवेयर और एप्लिकेशंस को अपडेट रखें. नये अपडेट में अक्सर सिक्योरिटी पैचेस होते हैं जो आपको साइबर अपराधों से बचाने में मदद करते हैं. हमेशा अपने ऑपरेटिंग सिस्टम, एंटीवायरस सॉफ्टवेयर, और दूसरे जरूरी प्रोग्राम्स को अपडेट करें।
नई ठगी की तकनीक 'डिजिटल अरेस्ट'
हाल ही में 'डिजिटल अरेस्ट' नाम की एक नई तरह की ठगी सामने आई है. इसमें, साइबर अपराधी लोगों को फोन कॉल या मैसेज करके मानसिक रूप से कंट्रोल करने की कोशिश करते हैं. यह तकनीक इतनी खतरनाक है कि लोग लाखों रुपये गवां देते हैं. इससे बचने के लिए, हमेशा अपने मन को शांत रखें, और अजीब लगने वाली बातों में फंसने से बचें. किसी भी तनावपूर्ण या ज़्यादा दबाव वाली स्थिति में किसी भरोसेमंद व्यक्ति या पुलिस से मदद लें।
Take Away Points
- WhatsApp पर निवेश के झांसे से सावधान रहें.
- अज्ञात स्रोतों से आने वाले संदेशों और लिंक्स पर विश्वास न करें.
- अपने सॉफ्टवेयर और एप्लिकेशंस को हमेशा अपडेट रखें.
- 'डिजिटल अरेस्ट' जैसी नई ठगी की तकनीकों से भी अवगत रहें।