Web 3.0 को लेकर लंबे समय से सोशल मीडिया पर काफी चर्चा हो रही है (what is web 3.0)। लोग बात कर रहे हैं कि web 3.0 क्या होता है? कैसे काम करेगा? इससे आने वाली क्या चुनौतिया होंगी साथ ही web 2.0 और 1.0 क्या होता है। ये सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ज्वलंत मुद्दा बना हुआ है। Twitter हो या facebook , newspaper सभी पर इस बारे में बहुत जोरो से चर्चा रहती है। web 3.0 के बारे में न जाने कितनी थ्योरी और हाइपोथिसिस इंटरनेट पर उपलब्ध हैं। आज हम इसी मुद्दे को आसान भाषा में जानेंगे।
अगर कंपनियों की बात करें तो बहुत कम ही संस्थान हैं जिन्होंने इस टेक्नोलॉजी में निवेश करने की शुरुआत की है। इस विषय पर जानकारों का मानना है कि Web3.0 ब्लॉकचैन तकनीक या डिस्ट्रिब्यूटेड नेटवर्क तकनीक की तरह ही होगा।
कोरोना महामारी के बाद से ही जैसे-जैसे ऑनलाइन शॉपिंग, ऑनलाइन मीडिया सर्विसेज, गूगल क्लाउड, सोशल मीडिया, आदि के डाटा में बहुत तेज़ उछाल देखा गया वैसे ही Web 3.0 की जरूरत भी दिखाई देने लगी। बता दें कि वर्तमान में अभी हम जिस सिस्टम पर काम कर रहें हैं उसे वेब 2.0 कहा जाता है।
गौर करने की बात यह है कि जब लोगों की सभी जरूरतें वेब 2.0 के माध्यम से पूरी हो रही हैं तो वेब 3.0 की जरूरत क्यों?
वैसे तो आपने वेब 1.0, वेब 2.0 और हाल ही में वेब 3.0 शब्द सुने होंगे। इंटरनेट का यह कांसेप्ट समझना जितना मुश्किल है उतना ही मजेदार भी हैं। वेब 3.0 एक ऐसा शब्द है जो लगभग 15 वर्षों से चला आ रहा है। जबकि मानकों के अनुसार जिसे हम आज वेब 2.0 कहते हैं, वह वास्तव में वेब 3.0 होना चाहिए था और वर्तमान वेब 3.0 वेब 4.0 होना चाहिए। आपके ऊपर है आप इस विकास को web 3.0 या वेब 4.0 कहना चाहें।
आसान भाषा में समझे Web 3.0
इसको इंटरनेट का अगला युग भी कहा जा रहा है। ऐसा इसलिए क्यों कि वेब 3.0 simple network की बजाय यह ब्लॉकचैन तकनीक पर आधारित होगा। कई लोगो का मानना है कि इसे web 1.0 और 2.0 की कड़ी मानना गलत होगा क्योंकि web 3.0 का कांसेप्ट इससे बिल्कुल अलग है।
अभीतक दुनिया वेब 2.0 का इस्तेमाल कर रही है जो कि cloud base technology पर काम करता था। वेब 3.0 ब्लॉकचैन तकनीक पर आधारित होगा। वेब 2.0 एक cloud base तकनीक पर काम करता है जिस कारण इसपर कुछ चुनिंदा कंपनियों का ही प्रभुत्व बन चुका है है।
जैसे कि, amazon , google , facebook , Microsoft आदि। इस तकनीक में यूजर का कोई खास योगदान नहीं है होता जबकि ब्लॉकचैन तकनीक में डाटा का कोई एक मालिक नहीं होगा। यानी की वेब 3.0 विकेन्द्रीकृत (Decentralized) होगा जो पब्लिक ब्लॉकचैन पर कार्य करेगा और इस कारण यह cryptocurrency में किये जाने वाले भुगतान का उपयोग करने में भी सहायक सिद्ध होगा। और Internet में आया निजीकरण भी समाप्त हो जाएगा
Web 3.0 में, हम संभवतः एक अधिक तल्लीन अनुभव देख सकेंगे। आपको बता दें कि इसकी तुलना में वेब 1.0 बहुत ही स्थिर था, वेब 2.0 इंटरैक्टिव रहा, और माना जाता है कि वेब 3.0 इमर्सिव होगा।