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डेस्क। अमरनाथ यात्रा का शुरू होना, बाबा भोलेनाथ के भक्तों के लिए एक त्योहार की तरह है। यात्रा को लेकर सारी तैयारियां पूरी हो चुकी है। जल्द ही मंदिर के कपाट लोगों के लिए पूर्णता खुल जाएंगे। लंबे अरसे से कोरोना महामारी को देखते हुए इसे बाधित कर के रखा गया था। 

बता दें कि श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने यात्रा को लेकर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को शुरू कर दिया है। 13 साल से लेकर 75 साल तक की उम्र के लोग अमरनाथ यात्रा को लेकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। 

जैसा कि आप जानते हैं कि अमरनाथ यात्रा 30 जून से शुरू होकर 11 अगस्त तक चलेगी। और अभी से रेजिस्ट्रेशन शुरू होने के कारण लोगों को एक लंबा समय इस प्रोसेस को पूरा करने के लिए मिल जाएगा।

इस बार अमरनाथ यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगने की उम्मीद है। 

जो भी श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा पर जाना चाहते हैं उनको रिजस्ट्रेशन करवाना पड़ेगा। यह रेजिस्ट्रेशन पंजाब नेशनल बैंक, जम्मू-कश्मीर बैंक, येस बैंक और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की 100 ब्रांचों से करवाया जा सकेगा।

यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन फीस बढ़ा दी गई है। पहले रजिस्ट्रेशन फीस 100 रुपये होती थी जो अब 120 रुपये कर दी गई है। इसके साथ ही सभी इछुक यात्रियों को पहले अमरनाथ श्राइन बोर्ड द्वारा रजिस्टर्ड हॉस्पिटल से हेल्थ सर्टिफिकेट भी लेना होगा।

जानिए रेजिस्ट्रेशन का प्रोसेस

  • सबसे पहले अमरनाथ श्राइन बोर्ड की वेबसाइट खोल लें।
  • ओफ्फिशल वेबसाइट पर जाकर व्हाट्स न्यू टैप पर क्लिक करें और रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन का विकल्प चुन लें।
  • अब एक न्यू वेबपेज ओपन होगा जिसपर मांगी गई सारी जानकारी भरें। 
  • इसके बाद आपको एक RFID टैग मिलेगा जो हर टूरिस्ट को ट्रैक करने में श्राइन बोर्ड की मदद करता है।

अमरनाथ यात्रा पर जाने के लिए रजिस्ट्रेशन करने वाले श्रद्धालुओं को इस बात का ध्यान रखना है कि रजिस्ट्रेशन से पहले उनके पास हेल्थ सर्टिफिकेट, चार पासपोर्ट साइज फोटो होने चाहिए और उनका रजिस्ट्रेशन फॉर्म भी पूरी तरह भरा होना चाहिए। 

समुंद्र तल से 12,756 फीट की ऊंचाई पर मौजूद अमरनाथ बाबा की गुफा साल में ज्यादातर समय बर्फ से ढकी रहती है साल में केवल कुछ ही समय के लिए इस यात्रा को खोला जाता है।हिन्दू मान्यताओं के अनुसार भगवान शंकर ने अमरनाथ की गुफा में ही माता पार्वती को अमर कथा सुनाई थी। बता दें कि हर साल प्राकृतिक रूप से अपने आप अमरनाथ बाबा की गुफा में बर्फ का शिवलिंग बन जाता है जिसके दर्शनों के लिए दुनियाभर से हजारों श्रद्धालु यहां आते हैं।