Wrong Money Transfer : बैंक अकाउंट से हम यूपीआई, एनईएफटी, आईएमपीएस, नेट बैंकिंग आदि के जरिये किसी अन्य को मनी ट्रांसफर भेजते हैं, तो भूलवश अगर किसी गलत अकाउंट में पैसा भेज देते हैं तो काफी दिक्कत हो जाती है।
वहीं जिस गलत बैंक खाते में पैसा गया है, वो दूर रहता है या उसकी कोई जानकार नहीं है तो मुसीबत और भी बड़ी हो जाती है। अगर आप बैंकिंग लेनदेन में अक्सर ऐसी गलती करते हैं तो बेनेफिसियर के अकाउंट में पहले 1-2 रुपये डालकर उससे कन्फर्म कर लें इससे आप किसी भी बड़े नुकसान से आराम से बच सकते है। साथ ही यह भी ध्यान रखें कि अगर गलती से पैसा पाने वाला धन वापस देने से इनकार कर दे तो आपके पास ज्यादा विकल्प नहीं बचते।
1.सबसे पहले आप अपने बैंक के कस्टमर केयर नंबर पर कॉल करिए। और बैंक ट्रांजैक्शन की पूरी डिटेल दें। कंप्लेंट का रिक्वेस्ट नंबर भी नोट जरूर कर लें ताकि आगे दिक्कत न हो।
2. ट्रांसफर से पहले बैंक खाताधारक के अकाउंट नंबर को दोबारा जरूर चेक कर लें। वहीं आईएफएससी कोड भी गलत भरने से पैसा गलत खाते में जा सकता है।
3. साथ ही आप बैंक को मेल पर भी गलत ट्रांजैक्शन की पूरी जानकारी भेज दीजिए, जिससे आपके पास पूरा लिखित रिकॉर्ड हो।
4.अगर आप बैंक (SBI) को ईमेल लिखने या कस्टमर केयर पर बात करने में असुविधा महसूस कर रहें हों तो सीधे बैंक की शाखा में जाएं। साथ ही वहां मौजुद लिखित जानकारी बैंक मैनेजर को दें और रिसीविंग भी लें।
5. वहीं अगर आपने ऐसा कोई बैंक अकाउंट नंबर डाला है जो मौजूद ही नहीं है या ब्लॉक हो चुका है तो आपका पैसा तुरंत ही वापस आ जाएगा।
6.अगर रकम किसी बैंक खाते में ट्रांसफर हो गई है तो इस रकम को वापस करना न करना प्राप्तकर्ता पर निर्भर करता है। वहीं अगर वो सहमति दे देता है तो यह धन बिना अड़चन के आपको वापस मिल पाएगा।
7. वहीं अगर ये पैसा उसी बैंक के किसी गलत खाते में गया है तो बैंक खुद ही उस खाताधारक से संपर्क करेगा और पैसा वापस डालने का अनुरोध भी करेगा।
8. पर अगर आपका पैसा किसी अन्य बैंक के अकाउंटहोल्डर के पास गया है तो आपका बैंक दूसरे बैंक और उसकी नजदीकी शाखा की जानकारी आपको प्रदान करेगी। फिर आपको वहां जाकर बैंक मैनेजर से संपर्क करना होगा।
9.बैंक मैनेजर फिर से उस खाताधारक से बात करेगा और उसके खाते में गलती से ट्रांसफर हुई रकम वापस करने का अनुरोध भी करेगा।
10. वहीं आरबीआई के निर्देशों के अनुसार, जिम्मेदारी पैसा भेजने वाले की होती है। अगर पैसा पाने वाला इनकार कर दे तो कोई भी कानूनी विकल्प नहीं रहता।