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डेस्क। भारत सरकार ने श्रम और रोजगार मंत्रालय का ई-श्रम पोर्टल, जो असंगठित क्षेत्र में श्रमिकों को पंजीकृत करने और उन्हें सामाजिक सुरक्षा लाभों तक पहुंचने में मदद करने के लिए है कार्यरत है, को वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के साथ जोड़ने का अहम फैसला लिया है।

इस बारे में बात करते हुए श्रम और रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि, “हम पीडीएस दुकानों से मासिक खाद्यान्न संग्रह के स्थान डेटा के आधार पर वन नेशन वन राशन कार्ड के साथ ई-श्रम के एकीकरण की प्रक्रिया में हैं। उन्होंने आगे ये बताया कि ई-श्रम पर स्थायी पता डेटा के साथ स्थान पहचान करने में मदद करेगी।”

बता दें कि केंद्रीय मंत्री प्रवासी श्रमिकों और ई-श्रम के वादे पर IE THINC प्रवासन वेबिनार में बोल रहे थे। यह वेबिनार का आयोजन प्रवासन पर एक श्रृंखला का एक हिस्सा है। और अभी तक इसके सात संस्करण कम्पलीट हो चुके हैं।

उन्होंने आगे कहा, “मुख्य मुद्दा यह सुनिश्चित करना है कि श्रमिकों का स्थान सामाजिक सुरक्षा लाभों तक पहुंचने में बाधा नहीं रहे … ई-श्रम पोर्टल राज्य सरकारों के साथ सभी प्रासंगिक डेटा को गतिशील तरीके से साझा करने में मद्दत करेगा।”

एक पैनल चर्चा में, दिव्या वर्मा प्रोग्राम मैनेजर, सेंटर फॉर माइग्रेशन एंड लेबर सॉल्यूशंस, आजीविका ब्यूरो ने बयान जारी कर कहा कि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि ई-श्रम प्रयोग अपने पहले वालों से कैसे अलग होगा।

साथ ही उन्होंने कहा कि, “असंगठित श्रमिक सामाजिक सुरक्षा बोर्ड की शुरुआत 2008 में की गई थी तथा असंगठित श्रमिक पहचान संख्या की शुरुआत 2015 में हुई थी और, इन सभी योजनाओं और कार्डों और प्लेटफार्मों में एक ही चीज़… अनौपचारिक और प्रवासी श्रमिकों की गणना की शामिल है। लेकिन वास्तव में इस तरह के अभियान से श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा के नाम पर कुछ भी नहीं आया।”

इसी कड़ी में एक और बयान चर्चा में है। जन सहस के संस्थापक और सीईओ आशिफ शेख ने कहा है कि, “ई-श्रम प्रणाली असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की एक सामाजिक रजिस्ट्री बनाने की कोशिश करती है। इसमें पंजीकरण पहला कदम है, जिसके बाद सुरक्षा के माध्यम से कमजोरी को कैसे कम किया जाए, यह बहुत ही महत्वपूर्ण है। आगे उन्होंने कहा कि उद्योग की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है और उनकी भागीदारी भी बढ़ाने की जरूरत है।”