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डेस्क। सरकार ने इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से संबंधित नियमों में बड़े बदलाव करें हैं। संशोधित आईटी नियमों के तहत सोशल प्‍लेटफॉर्म्‍स ट्विटर, फेसबुक, यूट्यूब और इंस्‍टाग्राम को भारत के संविधान के प्रावधानों और देश की संप्रभुता के नियमों का पालन करना भी अनिवार्य हो गया है।
इसके साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट और अन्य मामलों के संबंध में शिकायतों के लिए एक अपीलीय पैनल भी गठित किया जाएगा, जो उपयोगकर्ताओं की समस्याओं का समाधान करेगा।
ये समितियां मेटा और ट्विटर जैसी सोशल मीडिया कंपनियों द्वारा सामग्री मॉडरेशन निर्णयों की समीक्षा करने का समर्थ रखेंगी। वहीं शुक्रवार को जारी गजट नोटिफिकेशन के मुताबिक तीन महीने के भीतर ‘शिकायत अपीलीय समितियां’ गठित की जानी है। और संयोग से ये कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब इलेक्ट्रिक कार निर्माता टेस्ला इंक के सीईओ एलॉन मस्क ने ट्विटर पर अधिग्रहण किया है।
इसी कड़ी में केंद्र सरकार की तरफ से बताया गया है कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (इंटरमीडिएटरी गाइडलाइन और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) संशोधन नियम, 2022 को भी जारी किया है। वहीं इस संबंध में दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट कर कहा है कि ‘उपयोगकर्ताओं को सशक्त बनाना, प्राइवेसी पॉलिसी और इंटरमीडिएटरी के लिए यूजर्स एग्रीमेंट को आठ अनुसूची भारतीय भाषाओं में उपलब्ध भी करवाया जाएगा।
मिली जानकारी के अनुसार आईटी नियमों में बदलाव को लेकर महीनों से काम भी चल रहा था। वहीं इससे पहले डिजिटल प्लेटफॉर्म पर मनमाने ढंग से काम करने के आरोप भी लगते रहे हैं। अब नए बदलाव से यूजर्स को अपीलीय समितियों के रूप में एक नया मंच भी मिलेगा, जो शिकायतों के लिए अपील तंत्र से लैस होगा और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के अधिकारियों के निर्णयों के खिलाफ शिकायत भी दर्ज करा सकेगा।
प्राथमिकता से निपटानी होंगी अपीलीय शिकायते 
शिकायत अधिकारी के निर्णय से अगर कोई व्यक्ति असहमत होता है तो वो शिकायत अधिकारी से सूचना मिलने से तीस दिनों के भीतर अपीलीय समिति में शिकायत भी कर सकता है। शिकायत अपीलीय पैनल इस तरह की अपील को ‘शीघ्रता से’ निपटाने का काम करता है और अपील प्राप्त की तारीख से तीस दिनों के भीतर अंतिम रूप से समस्या को निपटाने का प्रयास भीं करेगा।