Desk| संयुक्त राज्य अमेरिका ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद, यूएस-निर्मित उत्पादों के साथ-साथ अमेरिकी प्रौद्योगिकी के साथ निर्मित कई विदेशी-उत्पादित सामानों के रूस को निर्यात करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। अमेरिकी व्यापार कानून के छह विशेषज्ञों के अनुसार, यह बताया गया है कि इस फैसले से केवल रूस को ही नहीं बल्कि, खुद अमेरिका सहित कई और देशों पर प्रभाव पड़ेगा। खासकर के अंतराष्ट्रीय तकनीकी कंपनियों को इससे बड़ा नुकसान होने के कयास लगाए जा रहें हैं।
अमेरिका ने बीते दिनों उठाया था कड़ा कदम-
अमेरिकी कंपनियों को अब कंप्यूटर, सेंसर, लेजर, नेविगेशन उपकरण, और दूरसंचार, एयरोस्पेस और समुद्री उपकरण बेचने के लिए लाइसेंस प्राप्त करना होगा। इसपर प्रतिक्रिया देते हुए ” लॉ फर्म रोप्स एंड ग्रे के पार्टनर अमा एडम्स ने कहा है कि, संयुक्त राज्य अमेरिका लगभग सभी अनुरोधों को अस्वीकार कर देगा हमें कुछ व्यापक होने की उम्मीद थी, और यह निश्चित रूप से व्यापक रहा।
अमेरिका के इस नए नियम के अन्तर्गद, रूस में शिपिंग से पहले यूएस लाइसेंस लेने के लिए यूएस टूल्स के साथ उत्पाद बनाने वाली कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह निर्णय अमेरिका ने रूस की ओर से यूक्रेन पर हुए आक्रमण को देखते हुए लिया है। इसी तरह का प्रतिबंध इससे पहले हाल के वर्षों में ही चीनी प्रौद्योगिकी दिग्गज हुआवेई को शिपिंग करने वाली कंपनियों पर भी लागू किया गया था।
इस नई नियम को लेकर कानूनी विशेषज्ञों ने कहा कि कई कंपनियां सावधानी से रूस के साथ निर्यात को निलंबित करने का विकल्प चुन सकती हैं।
बीते वर्ष दोनों देशों में इतना हुआ था निर्यात-
बीते वर्ष दोनों देशों के बीच निर्यात 6.4 बिलियन डॉलर का हुआ था। इस साल इसमें बड़ी वृद्धि दर्ज की जानी थी। अमेरिका ने इसपर प्रतिबंध तो लगा दिया है; पर इससे दोनों देशों की इकॉनमी पर बड़ा असर पड़ेगा।
इन देशों ने भी लिया है कुछ ऐसा ही एक्शन-
यूरोपीय संघ के दो दर्जन से भी अधिक सदस्य, साथ ही यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, जापान, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे कई देश भी रूस के विकल्पों को सीमित करने के लिए समान निर्यात प्रतिबंध लगा रहे है; सूत्रों के अनुसार कई और देश भी इसी प्रकार की कार्यवाही पर विचार कर रहे हैं।
टेक्नोलॉजी में आगे नहीं बढ़ सकेगा रूस : अमेरिका
सेंटर फॉर ए न्यू अमेरिकन सिक्योरिटी के सीनियर फेलो और पूर्व डिप्टी असिस्टेंट यूएस ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव एमिली किलक्रीज ने कहा है कि, प्रतिबंध रूस की तकनीक को फ्रीज कर देंगे जहां वह आज है वहीं रुक जाएगा आगे नहीं बढ़ सकेगा।
वहीं कई विशेषज्ञ यह भी मानते है कि, कई छोटे देशों की अर्थव्यवस्था पर भी ब्रेक लग जाएगा। जो देश बड़े कन्ट्रीज को रिसोर्स देकर रेवेन्यू बनाने हैं; उनको इससे गहरी चोट पहुँचेगी।