डेस्क। साइंस के क्षेत्र में हर रोज कई ऐसी खोज हो रहीं हैं जो आपको हिलाकर रख दे साथ ही ऐसा ही एक खोज मां और बच्चे के जन्म से जुड़ी भी सामने आईं है। अगर यह सच होता है तो कोई भी महिला बिना बच्चे किए नहीं रहेगी।अब आर्टिफिशियल कोख से बच्चों का जन्म संभव हो पाएगा। वहीं एक कंपनी ने यह दावा भी किया है कि हर साल 30,000 हजार बच्चे आर्टिफिशयल कोख से पैदा होंगे।
बता दें एक्टोलाइफ नाम की कंपनी ने आर्टिफिशियल कोख से बच्चे पैदा करने का दावा करते हुए एक वीडियो भी शेयर किया है। जो इंटरनेट पर काफी वायरल हुआ है। वहीं इस कड़ी में दुनिया में लाखों ऐसी महिलाएं भी हैं जिनका यूट्रस (बच्चेदानी) नहीं हैं। इनके ऊपर बांझपन का तगमा लगा होता है, वो भी साइंस के इस चमत्कार से अब मां बन सकती हैं। इस तकनीक का नाम पूरा आर्टिफिशियल गर्भाशय फैसिलिटी(artificial womb facility) ही है। वहीं इस कंपनी का दावा है कि यह दुनिया की पहली आर्टिफिशियल कोख की तरह काम करने वाला है।
रिसर्च में लगे है 50 साल
EctoLife, जो एक वर्ष में 30,000 बच्चों को विकसित करने में सक्षम होने का दावा कर रही है, के बारे में यह कहा जाता है कि 50 सालों के अभूतपूर्व वैज्ञानिक रिसर्च पर आधारित है। वहीं यह अवधारणा बर्लिन स्थित बायोटेक्नोलॉजिस्ट और विज्ञान संचारक हाशेम अल-घाइली के दिमाग की उपज रही है। उनका यह भी कहना है कि ये सुविधा बांझ दंपतियों को एक बच्चे को गर्भधारण करने और अपनी संतान के सच्चे जैविक माता-पिता बनने की अनुमति प्रदान करेगी।
बच्चे की आंख और बालों का रंग भी तय कर सकते हैं माता-पिता
कंपनी आर्टिफिशियल तरीके से बच्चे पैदा करने के लिए कई तरह के पैकेज आपको देगा। वहीं एलीट पैकेज में आपको कृत्रिम गर्भ में प्रत्यारोपित करने से पहले भ्रूण को आनुवंशिक रूप से इंजीनियर करने की अनुमति भी देता है।आंख और बालों के रंग से लेकर ताकत, ऊंचाई और बुद्धि तक सब कुछ आसानी से चुना जा सकता है और विरासत में मिली आनुवांशिक बीमारियों से भी आराम से बचा जा सकता है।
मृत्युदर को रोकने का काम करेगी यह साइंस
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की माने तो, गर्भावस्था की जटिलताओं से लगभग 300,000 महिलाओं की मृत्यु भी हो जाती है। एक्टोलाइफ कृत्रिम गर्भ मानव पीड़ा को कम करने और सी-सेक्शन की संभावना को भी कम करने के लक्ष्य से डिज़ाइन किया गया है।