कानपुर. कानपुर के एक सरकारी अस्पताल में डाक्टरों की लापरवाही से 14 बच्चों को संक्रमित ब्लड चढ़ा दिया है। जिससे वे एड्स और हेपेटाइटिस जैसी घातक संक्रामक बीमारियों की चपेट में आ गए। मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार खून चढ़ाने से पहले उसका परीक्षण नहीं किया गया। अब मेडिकल कॉलेज प्रशासन इस पूरे मामले को गलत बताने में लगा है।
लाला लाजपत राय अस्पताल कानपुर में इन बच्चों का खून बदलने के बाद टेस्ट हुआ था। टेस्ट में ये सभी बच्चे हेपेटाइटिस-बी, हेपेटाइटिस-सी और एचआईवी के संक्रमण से पीड़ित मिले हैं। इससे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। सभी पीड़ित बच्चे नाबालिग हैं।
लाला लाजपत राय अस्पताल अस्पताल को उनके संक्रमित होने की जानकारी मिली है. इसके बाद यह जांच शुरू हो गई है कि संक्रमित होने का कारण क्या है. हालांकि पहली नजर में बच्चों के संक्रमण का कारण उन्हें चढ़ाए जाने से पहले डोनेशन के तौर पर मिले खून के वायरस टेस्ट में लापरवाही बरतने का लग रहा है।
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, इन बच्चों में से सभी की उम्र 6 साल से 16 साल के बीच है। इनमें 7 बच्चों के हेपेटाइटिस-बी से, 5 को हेपेटाइटिस-सी से और 2 को एचआईवी से पीड़ित पाया गया है। ये सभी बच्चे कानपुर शहर, कानपुर देहात, फर्रूखाबाद, औरेया, इटावा और कन्नौज और अन्य जनपद के रहने वाले हैं।
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