लखनऊ। बीते कुछ दिनों में भारत सरकार की तरफ से कई बड़े फैसले लिए गए हैं। अब भारत की ओर से चीन को एक और बड़ा आर्थिक झटका दिया है। कुछ दिनों पहले ही भारत सरकार ने चीन के टिकटॉक समेत 59 ऐप्स बंद कर दिए गए हैं।उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने चीन को बड़ा आर्थिक झटका दिया है। दरअसल योगी आदित्यनाथ सरकार ने तकनीकी खामियां पाए जाने के बाद कानपुर-आगरा मेट्रो के लिए चीनी कंपनी के टेंडर के आवेदन को खारिज कर दिया है। दरअसल उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने तकनीकी खामियों की वजह से उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने कानपुर-आगरा मेट्रो के लिए चीनी कंपनी के टेंडर के आवेदन को खारिज कर दिया है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने कानपुर और आगरा मेट्रो रेल परियोजनाओं हेतु मेट्रो ट्रेनों की आपूर्ति, परीक्षा और चालू करने के साथ-साथ ट्रेन कंट्रोल और सिग्नलिंग सिस्टम का टेंडर बॉम्बार्डियर ट्रांसपोर्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को दिया है। इसी टेंडर के लिए चीनी कंपनी सीआरआरसी नैनजिंग पुजहेन लिमिटेड ने भी आवेदन किया था। लेकिन तकनीकी खामियां पाए जाने के बाद चीनी कंपनी को परियोजना के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया। पूर्वी लद्दाख में स्थित गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद भारत ने जमीन के साथ-साथ आर्थिक मोर्चे पर भी चीन को घेरना शुरू कर दिया है।
मालूम हो कि कानपुर और आगरा दोनों ही मेट्रो परियोजनाओं के लिए कुल 67 मेट्रो ट्रेनों की सप्लाई होगी. इनमें से प्रत्येक ट्रेनों में 3 कोच होंगे। 67 ट्रेनों में 39 ट्रेनें कानपुर और 28 ट्रेनें आगरा के लिए होंगी. एक ट्रेन की यात्री क्षमता 980 होगी यानी प्रत्येक कोच में लगभग 315-350 यात्री कर सकेंगे।
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक लखनऊ की ही तर्ज पर कानपुर और आगरा में भी रोलिंग स्टॉक्स और सिग्नलिंग सिस्टम के लिए सिंगल टेंडर प्रक्रिया अपनाई। देश में पहली बार लखनऊ मेट्रो परियोजना के लिए यह प्रयोग किया गया था। इससे न सिर्फ अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी बल्कि कानपुर और आगरा की जनता का मेट्रो सेवाओं का सपना भी अब जल्द ही पूरा होगा।