लखनऊ। लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में एडवांस रिसर्च लैब के गठन को रफ्तार मिलेगी। शासन ने शुक्रवार को चार करोड़ रुपये की मशीन खरीदने की हरी झंडी दे दी। हाईटेक मशीनें आने से यहां के चिकित्सक अब नैनोटेक्नोलॉजी पर काम कर सकेंगे।
संस्थान के निदेशक डॉ. एके त्रिपाठी के मु ताबिक एकेडमिक ब्लॉक में एडवांस रिसर्च लैब बनेगी। मशीन खरीद के प्रस्ताव को शुक्रवार को शासन ने मंजूरी दे दी है। इसमें एक आधुनिक जीटासाइजर मशीन होगी। इस पर नैनो पार्टिकल बेस्ड काम होगा। मसलन, किसी भी बीमारी पर न्यूनतम कितनी दवा दी जा सकती है। उसका असर क्या रहेगा। स्वस्थ कोशिकाओं को कम से कम दवा से नुकसान हो। दवा सीधे बीमारी वाले सेल्स पर टार्गेट कर सके। यह सब नैनोटेक्नोलॉजी के ज रिए संभव हो सकेगा। यह मशीन कैंसर के मरीजों का सटीक इलाज तय करने में मदगार बनेगी। साथ ही डायग्नोस व रिसर्च में भी काम आएगी।
हजार जीन की रिपोर्टिंग एक साथ
डॉ. एके त्रिपाठी के मुताबिक लैब में माइक्रो-एक्सरे मशीन भी लगेगी। यह मशीन जीन लेवल पर जांच करने में सक्षम है। यह एक ही बार में एक हजार जीन की रिपोर्टिंग कर सकेंगी। शरीर में मौजूद किस जीन में डिफेक्ट है। उसमें म्यूटेशन लेवल क्या है। पूरी पड़ताल की जा सकेगी। अभी तक पीसीआर मशीन से जीन की जांच की जाती है। इसमें एक बार में एक ही जीन को जांचा जा सकता था।
सेंट्रल रिसर्च चैंबर तैयार
डॉ. एके त्रिपाठी के मु ताबिक एकेडमिक ब्लॉक में सेंट्रल रिसर्च चैंबर बनकर तैयार है। सभी लैब एक साथ होंगी। इसमें पैथोलॉजी, बायोके मिस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी की मशीनें स्थापित होंगी। साथ ही मॉलीक्युलर लैब, जीन सीक्वें सिंग लैब, एनॉलिटिकल टॉक्सीकोलॉजी लैब, ड्रग लेवल टेस्टिंग लैबसाइटो जेनेटिक लैब आदि होंगी।